Giridih: बेंगाबाद के पेसराटांड़ खेल मैदान में रविवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने जनसभा किया. चंपाई ने गांडेय विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी मुनिया देवी के पक्ष में चुनावी सभा में जनता को संबोधित किया. कहा कि हमारी मां बहन के साथ बांग्लादेशी घुसपैठियों ने अत्याचार किया है. ब्रिटिश शासन के बाद भी ये 200 साल तक भारत में कब्जा किये थे. लेकिन आदिवासी मूलवासी के साथ इस तरह का अत्याचार नहीं किया था. वहीं झारखंड के हमारे साहेबगंज जिले में एक आदिवासी महिला को 50 से 60 टुकड़ों में बांट दिया गया. पूरा भारतवर्ष क्या विश्व में शायद ऐसी सजा नहीं दी गयी होगी. इस तरह का कांड झारखंड में किया गया है. ये सरकार सुनने के बाद भी कुछ नहीं किया. यह सरकार कान से बहरी और आंख से अंधी बनी हुई है.
चंपाई ने कहा कि ये एक-एक आदिवासी के घर गये. मूलवासी के घर गये. लेकिन कुछ नहीं किये. आज बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या बढ़ गयी है. इसीलिए आज अगर झारखंड को बचाना है, सिद्धू कान्हू की धरती को बचाना है, संथाल परगना की धरती को बचाना है तो कमल फूल छाप पर वोट दें. कहा कि झारखंड के सम्मान को बचाना है, भ्रष्टाचार को रोकना है तो कमल फूल पर बटन दबाना है. बहु बेटी की इज्जत बचानी है तो भारतीय जनता पार्टी को वोट देना है. कहा कि इस झामुमो, राजद और कांग्रेस ने यहां के आदिवासियों के लिए कोई काम नहीं किया. न ही मूलवासी के लिए काम किया और न ही दलित के लिए कम किया. न ही झारखंड के लिए कम किया है. सिर्फ साढ़े चार साल सिर्फ लूट और भ्रष्टाचार किया है.
चंपाई ने कहा कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने ही इस झारखंड को राज्य का दर्जा दिया. हम कहते हैं कि हमलोगों की ओलचिकी लिपि भी अगर कोई आठवीं अनुसूची में शामिल किया है तो वे अटल बिहारी बाजपेई थे. देश में अगर आदिवासी को सम्मान दिया है तो भारतीय जनता पार्टी है. ओडिशा के एक छोटे से गांव के आदिवासी महिला को आज देश का राष्ट्रपति बना दिया है. कौन कहता है कि आदिवासी का सम्मान नहीं किया. संथाल परगना की धरती पर देखिए एक आदिवासी के जमीन पर कब्रिस्तान बना दिया गया. बांग्लादेशी घुसपैठिये आदिवासी के साथ जबरन शादी करके उसी के घर में रह रहा है. उसके घर को जमाई टोला बोलकर सैकड़ों घर बनाता जा रहा है. आदिवासियों वहां से खत्म हो रहे हैं. ये हाल संथाल परगना का है ओर आज वर्तमान सरकार उसको देख नहीं पा रही है. उसका आज भी ध्यान उधर नहीं है और न ही सुनाई दे रहा है. हम तो देख रहे हैं संथाल परगना धरती पर किस स्थिति में आज वहां के आदिवासी और मूलवासी हैं.
चंपाई ने कहा कि इसे देखकर आपका दिल रो देगा. एक-एक गांव एक-एक परिवार के साथ अत्याचार हो रहा है. बर्दाश्त करने के लायक नहीं है. इसलिए इस धरती, झारखंड, संथाल को बचाना है तो एक-एक वोट भारतीय जनता पार्टी को देना है. हमारा झारखंड गरीब नहीं है. हमारा झारखंड खनिज संपदा से भरा हुआ है. नहीं तो लूट खसोट करके बर्बाद हो जाएगा. कहा कि अगर झारखंड को संवारना है तो भारतीय जनता पार्टी के कमल छाप पर वोट देके देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों को मजबूत बनाना है. मौके पर आदिवासी मोर्चा रंजीत मरांडी, रामरतन राम, शिवपूजन राम, रघुनंदन कुशवाहा, सुशील हांसदा, परमेश्वर मरांडी, लालु मुर्मू, देवन मरांडी, अनिल टुडू, मिथुन हांसदा, गिरिश मुर्मू, रमेश हांसदा, मोहीलाल हांसदा, प्रवीन हेम्बरम, सुरेन्द्र लाल समेत हजारों की संख्या में कार्यकर्ता और ग्रामीण उपस्थित थे.
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