Rehan Ahamad
Ranchi: अखिल भारतीय महानगर कांग्रेस कमेटी के महासचिव सह झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने समारोह के पश्चात बातचीत में कहा कि जुमा-जुमा आठ दिन की कांग्रेस पार्टी नहीं है. 1885 से 1947 तक ढेरों कुर्बानियां और अंग्रेजों को भगाने का काम भी किया है. हम उनका नाम लेना नहीं चाहते हैं, कांग्रेस झूठ, फरेब और धोखे की राजनीति नहीं करती. लोगों के विश्वास को साथ लेकर चलती है, इस लिए तो तेलंगाना में 66 सीट कांग्रेस लायी, वहां मोदी जी से बढ़ कर था आवाम का जागरुक होना, जनता जब एक होती है, तो बड़े से बड़े ताकत को भी नहीं पता चलता की मैं कब बिखर गया. उसी जागरुकता को झारखंड में पैदा करने की जरूरत है, समय जरूर कम है, लेकिन झारखंड में हम अपनी पकड़ बना लेंगे.
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पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूत करने की है जरूरत, फिर कोई डिगा नहीं पायेगा
पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूती करने की जरूरत है. बूथ की ताकत सबसे बड़ी ताकत है, पार्टी का वह कर्मी जो बूथ की कमान बखूबी संभालता है, अपने बूथ के मतदाताओं को अपनी ओर मजबूत करता है. वह कोई नेता, मंत्री व दिग्गज नहीं कर सकता, वहां बूथ कर्मी ही कर सकता है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि समय बहुत कम है, और काम तेजी से करना है, जिस कार्यकर्ता को जितने बूथ चाहिए और किस क्षेत्र के बूथ चाहिए आप पर्ची बना कर मुझे दें. वहां मैं स्वयं आ कर लोगों से मिल कर जागरूक करूंगा. फिर आप भी उसी भांति से कार्य करेंगे. इस तरह जब बूथ स्तर पर पकड़ मजबूत हो जायेगी तो फिर हमें कोई डिगा नहीं पायेगा.
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जमे बर्फ में बुढ़े, बच्चे, महिलाएं और युवाओं ने रात जाग कर राहुल गांधी का इंतजार किया
उन्होंने कहा कि जल्द ही राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा झारखंड आने वाली है. इसकी तैयारी भी करनी है. मालूम हो कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत न्याय यात्रा में उन्होंने दिल्ली, महाराष्ट्र, हैदराबाद जहां जहां से उनका कारवा गुजरा जोरदार स्वागत किया गया. जहां अपनी सरकार नहीं थी वहां भी पूरे जोर शोर से लोगों ने स्वागत किया. कश्मीर जहां वे जब पहुंचे. उस समय तीन से चार फिट तक हर ओर बर्फ जमा हुआ था. वहां सरकार भी बीजेपी की. हर ओर कड़ी सुरक्षा प्रशासन की बड़ी तैयारी, लेकिन राहुल गांधी जी के आने के एक दिन पहले माइनस 1 की ठंड जमी बर्फ में रात में लोग घर से युवा, महिलाएं व बुजुर्ग कश्मीर के उस स्थान पर सबेरे 3 व 4 बजे ही जा पहुंचे और राहुल गांधी का पहुंचते ही स्वागत किया. विपक्ष की नजरें देखते ही फटी की फटी रह गईं. इस यात्रा का भी बहुत प्रभाव है, अब वे झारखंड आने वाले हैं, बदलाव की दस्तक लेकर.