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कांग्रेस ने कहा, संसद चलाने की जिम्मेदारी सरकार की , मणिपुर, महंगाई, अडानी पर चर्चा को लेकर समझौता नहीं

New Delhi : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने संसद के मानसून सत्र के आरंभ होने से एक दिन पहले बुधवार को कहा कि मणिपुर हिंसा और महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष कोई समझौता नहीं कर सकता. संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की प्राथमिक जिम्मेदारी सरकार की है. उन्होंने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा कि कांग्रेस दिल्ली से संबंधित केंद्र के अध्यादेश के स्थान पर लाये जाने वाले विधेयक का विरोध करेगी, क्योंकि यह एक चुनी हुई सरकार के संवैधानिक अधिकारों पर अंकुश लगाने वाला है.                                              नेशनल">https://lagatar.in/category/desh-videsh/">नेशनल

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मणिपुर मामले पर अमित शाह की जवाबदेही तय करने की मांग की जायेगी

रमेश ने कहा कि कांग्रेस संसद चलाने के लिए रचनात्मक सहयोग करने के लिए तैयार है, लेकिन केंद्र सरकार को माई वे या हाईवे वाला रवैया छोड़ना होगा. उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में मणिपुर के मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जवाब और गृह मंत्री अमित शाह की जवाबदेही तय करने की मांग भी की जायेगी. रमेश के अनुसार मानसून सत्र से पहले इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस’(इंडिया) के बनने के बाद विपक्षी दलों का उत्साह बढ़ा है और नयी उमंग पैदा हुई है. कांग्रेस नेता ने संसद सत्र के लिए इंडिया की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर कहा, 26 पार्टियों के गठबंधन की कल बेंगलुरु में हुई बैठक में काफी लंबी चर्चा हुई कि किन-किन मुद्दों पर हमें ध्यान देना चाहिए. प्राथमिकता मणिपुर है.

प्रधानमंत्री ने मणिपुर मामले में अपनी चुप्पी तोड़ी नहीं 

मणिपुर में सैकड़ों लोगों की मौत हुई है, बड़ी संख्या में लोग बेघर हुए हैं. गृह मंत्री अमित शाह के दौरे का कोई असर नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री बीरेन सिंह बिल्कुल विफल है. रमेश ने कहा, प्रधानमंत्री ने अब तक अपनी चुप्पी तोड़ी नहीं है...प्रधानमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए और सांसदों को विश्वास में लेना चाहिए. कांग्रेस नेता के अनुसार, ‘संघीय ढांचे पर रोजाना हो रहे आक्रमण, बेरोजगारी और कमरतोड़ महंगाई पर भी आगामी सत्र में चर्चा की मांग की जायेगी. यह पूछे जाने पर कि संसद में गतिरोध की स्थिति से बचने के लिए क्या किया जा सकता है तो रमेश ने कहा, ‘‘हम रचनात्मक सहयोग देने के लिए हमेशा तैयार हैं. लेकिन संसद चलाने की प्राथमिक जिम्मेदारी सरकार की है.

सरकार कहती है,  माई वे या हाईवे, तो कैसे होगा...

अगर सरकार कहती है कि माई वे या हाईवे, तो कैसे होगा...आम सहमति बनानी पड़ेगी. ताली दोनों हाथ से बजती है. हम रचनात्मक सहयोग करेंगे. दिल्ली से जुड़े केंद्र के अध्यादेश को लेकर रमेश ने कहा कि इससे संबंधित विधेयक का समर्थन करने का तो सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा, कांग्रेस दिल्ली से जुड़े अध्यादेश का विरोध करेगी. यह यह चुनी हुई सरकार के संवैधानिक अधिकारों और जिम्मेदारियों पर अंकुश लगाने वाला है.’ रमेश का कहना है कि बालासोर रेल हादसे और मणिपुर हिंसा को लेकर जवाबदेही तय करने तथा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग संसद के भीतर की जायेगी.

अडानी मामले पर संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की मांग जारी रखेंगे 

उन्होंने कहा, इस सत्र में भी हम अडानी मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग जारी रखेंगे और चीन के मामले पर चर्चा की मांग करेंगे. कांग्रेस महासचिव रमेश ने यह भी कहा, ‘‘संसद के सत्र के समय सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर रणनीति तय करती है. बेंगलुरु की बैठक के बाद हमारा उत्साह बढ़ा है, एक नयी उमंग आयी है, एक नया नाम मिला है. हम अब विपक्ष नहीं, इंडिया पार्टी हैं. हम भाजपा के खिलाफ विपक्ष जरूर हैं, लेकिन हम अब इस गठबंधन का हिस्सा हैं. [wpse_comments_template]

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