New Delhi : कांग्रेस ने अडानी समूह से जुड़े मामले का हवाला देते हुए बुधवार को कहा कि भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) नहीं बनना चाहिए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग पूरी की जायेगी. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने पिछले साल मोदानी समूह पर स्टॉक हेरफेर और प्रतिभूति कानूनों (Security Law) के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए थे। SEBI को 14 अगस्त, 2023 तक इन आरोपों पर एक रिपोर्ट सौंपना था। बार-बार एक्सटेंशन की मांग के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने SEBI को आज, 3 अप्रैल, 2024 तक का समय… https://t.co/I456mp4w0H
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 3, 2024
उच्चतम न्यायालय ने सेबी को तीन अप्रैल 2024 तक का समय दिया है
अमेरिकी संस्था हिंडेनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया था. इस कारोबारी समूह ने आरोपों को खारिज किया था. रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल मोदानी समूह पर शेयरों के मूल्यों में हेराफेरी और प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाये थे. सेबी को 14 अगस्त, 2023 तक इन आरोपों पर एक रिपोर्ट सौंपनी थी. बार-बार समयसीमा बढ़ाए जाने की मांग के बाद उच्चतम न्यायालय ने सेबी को तीन अप्रैल 2024 तक का समय दिया था.
जेपीसी ही मोदानी घोटाले की सच्चाई को पूरी तरह से सामने ला सकती है
उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि सेबी आज अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपेगी. वह अब समय सीमा बढ़ाने की मांग नहीं करेगी. सेबी को दूसरा एसबीआई नहीं बनना चाहिए. उसे वही गलती नहीं दोहराना चाहिए. उन्होंने कहा, हम यह भी जानते हैं कि सेबी का अधिकार क्षेत्र सीमित है. सिर्फ एक जेपीसी ही मोदानी घोटाले की सच्चाई को पूरी तरह से सामने ला सकती है. हम अडानी के हैं कौन श्रृंखला के तहत प्रधानमंत्री से पूछे गये 100 सवालों की श्रृंखला में हमने इसकी अहमियत बताते हुए लगातार जेपीसी की मांग की थी.रमेश ने कहा कि अगले तीन महीने के बाद जेपीसी एक वास्तविकता होगी.