NewDelhi : कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा शशि थरूर की आलोचना किये जाने के बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर का बचाव में उतर आये हैं.
किरेन रिजिजू ने एक्स पर लिखा, कांग्रेस पार्टी क्या चाहती है और उन्हें देश की कितनी परवाह है? क्या भारतीय सांसदों को विदेशी राष्ट्र में जाकर भारत और उसके प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलना चाहिए? राजनीतिक हताशा की सीमा होती है!
जान लें कि वर्तमान में तिरुवनंतपुरम सांसद केंद्र की मोदी सरकार द्वारा विदेश भेजे गये सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व कर रहे है. वह ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद को लेकर मोदी सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का लगातार समर्थन कर रहे हैं.
यह काग्रेंस को रास नहीं आ रहा है. कांग्रेस नेता य़हां तक तंज कस रहे हैं कि भाजपा शशि थरूर को विदेश मंत्री बना दे.
पनामा में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए थरूर ने कहा कि हाल के वर्षों में काफी बदलाव आया है. आतंकवादियों को एहसास हो गया है कि उन्हें अब इसकी कीमत चुकानी होगी.
शशि थरूर ने कहा कि पहली बार भारत ने सितंबर 2016 में उरी में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया. यह कुछ ऐसा था जो हमने पहले कभी नहीं किया था.
थरूर ने कहा, करगिल युद्ध के दौरान भी हमने नियंत्रण रेखा पार नहीं की थी, लेकिन उरी में हमने ऐसा किया. पुलवामा हमले के संदर्भ में कहा कि हमने न केवल नियंत्रण रेखा पार की, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा भी पार कर बालाकोट में आतंकवादी मुख्यालय पर हमला किया.
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि इस बार हम न केवल नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से आगे निकले, बल्कि हमने पाकिस्तान के पंजाबी गढ़ में हमला किया और नौ जगहों पर आतंकी ठिकानों को तहस-नहस कर दिया.
थरूर की बात कांग्रेस को पच नहीं रही है. पूर्व सांसद उदित राज ने तंज कसते हुए कहा, काश! मैं प्रधानमंत्री मोदी पर दबाव डालकर आपको भाजपा का सुपर प्रवक्ता घोषित करवा सकता, यहां तक कि भारत आने से पहले ही विदेश मंत्री घोषित करवा सकता.
उदित राज ने कहा, 1965 में भारतीय सेना ने कई जगहों पर पाकिस्तान में प्रवेश किया, जिससे लाहौर सेक्टर में पाकिस्तानियों को पूरी तरह से आश्चर्य हुआ. 1971 में भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए और यूपीए सरकार के दौरान कई सर्जिकल स्ट्राइक किए गए, लेकिन राजनीतिक रूप से भुनाने के लिए ढोल नहीं पीटा गया.
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने लाहौर जिले के बुर्की में एक कब्जे वाले पाकिस्तानी पुलिस स्टेशन के बाहर खड़े चौथी सिख रेजिमेंट के अधिकारियों की एक तस्वीर पोस्ट की और थरूर को टैग किया.
उन्होंने कहा, यह तस्वीर बुर्की की लड़ाई (जिसे लाहौर की लड़ाई, 1965 के नाम से भी जाना जाता है) से ली गयी है, जो भारतीय पैदल सेना इकाइयों और पाकिस्तानी बख्तरबंद बलों के बीच लड़ी गयी थी.
पवन खेड़ा ने थरूर की किताब The Paradoxical Prime Minister की एक लाइन पोस्ट की, जिसमें थरूर ने मोदी सरकार पर सेना का राजनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था.
खेड़ा ने कहा कि मैं शशि थरूर की इस बात से पूरी तरह सहमत हूं, जिससे स्पष्ट हो गया कि थरूर के हालिया बयान पार्टी लाइन से अलग माने जा रहे हैं.
इसके बाद खेड़ा की पोस्ट को कांग्रेस सांसद और महासचिव, मीडिया एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने उद्धृत किया. रमेश ने लिखा, ओह, हम कितना पेचीदा जाल बुनते हैं, जब हम पहली बार धोखा देने का अभ्यास करते हैं.
लिखा: Oh what a tangled web we weave, when first we practice to deceive. पार्टी सूत्रों के अनुसार यह साफ़ संदेश है कि थरूर ने लक्ष्मण रेखा पार की है.
इन आरोपों के बीच थरूर ने एक्स पर लिखा, मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है. मैंने सिर्फ़ आतंकवादी हमलों के जवाब में कार्रवाई की बात की थी, न कि युद्धों की.
लिखा कि मुझे कोलंबिया रवाना होना है, मेरे पास करने को बेहतर काम हैं. थरूर ने साफ किया कि वह पार्टी प्रवक्ता नहीं हैं और अपने विचार निजी क्षमता में रख रहे हैं. कहा कि विदेश मंत्रालय द्वारा दी गयी जिम्मेदारी को वह पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं.