रघुवर कार्यकाल में बना था लैंड बैंक
हेमंत सोरेन सरकार की मुख्य साझेदार है कांग्रेस और अब उसने कहा है कि लैंड बैंक को खत्म करने की दिशा में वह पहल करेगी. रघुवर दास की सरकार ने लैंड बैंक बनाने का फैसला किया था. झारखंड में पांच जनवरी 2016 को लैंड बैंक बनाने की शुरूआत की गयी थी. इस बैंक के माध्यम से राज्य में निवेश करने वाले निवेशकों को जमीन देना मकसद था. लैंड बैंक 11.56 लाख एकड़ जमीन को शामिल किया गया था. दावा किया गया था कि पूंजी निवेश के आमंत्रण की राह इससे आसान होगी. इसे भी पढ़ें- सेक्स">https://lagatar.in/on-the-question-sex-life-golden-boy-neeraj-chopra-hesitated-saidsorry-sir/">सेक्सलाइफ पर सवाल से सकुचाये गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा, कहा- सॉरी सर..सवाल से मन भर गया…
लैंड बैंक बनने के साथ शुरू हो गया था विरोध
लैंड बैंक के बनने के साथ ही आदिवासी समूहों ने इसका विरोध करना शुरू किया था. लैंड बैंक में सरकार ने गैर-मजरूआ आम और खास जमीन को शामिल किया है, जिस पर ग्रामीणों का लंबे समय से कब्जा है. ग्रामीण अपनी आजीविका के लिए खेती करते आ रहे हैं. परती, सरना, चर्च, मंदिर, भूतखेता, डाली कतारी और गांव का रास्ता भी लैंड बैंक में शामिल किया गया है. ग्रामीणों को यह लगा कि सरकार उनकी जमीन, चर्च, मंदिर, रास्ता खत्म करना चाहती है. खूंटी में पत्थलगड़ी आंदोलन के पीछे जो कारण रहा, उसमें लैंड बैंक का विरोध भी एक था. खूंटी जिला के दर्जनों गांवों में काला झंडा लगा कर आदिवासियों ने लैंड बैंक का विरोध किया था. लैंड बैंक का सवाल आदिवासियों के लिए संवेदनशील सवाल है. इसे भी पढ़ें- अमन">https://lagatar.in/three-criminals-of-aman-sahu-gang-arrested-firing-at-the-camp-of-transport-company-rktc-in-chatra/">अमनसाहू गिरोह के तीन अपराधी गिरफ्तार, चतरा में ट्रांसपोर्टिंग कंपनी RKTC के कैंप पर की थी फायरिंग
आदिवासियों के लिए संवेदनशील सवाल पर कितनी कारगर होगी कांग्रेस
दो सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में तय किया गया कि लैंड बैंक के लिए जिन किसानों की जमीन ली गयी है, उनको उसे वापस करने के लिए कांग्रेस पहल करेगी. लैंड बैंक का सवाल आदिवासियों अंचलों के लिए संवेदनशील मामला है. कांग्रेस की नयी मांग के बाद के हालात क्या रुख लेंगे, यह तो समय ही बतायेगा.लैंड बैंक में शामिल जमीन
- गैरमजरुआ खास (पूरी तरह से सरकारी) 861013.19 एकड़
- लैंड बैंक में शामिल गैरमजरुआ खास जमीन की बात करें तो 1-51 एकड़ के 230,700 प्लॉट हैं. इसी प्रकार 51-100 एकड़ वाले 4137 प्लॉट, 101-150 एकड़ वाले 438 प्लॉट और 200 एकड़ से अधिक 372 प्लॉट हैं. सबसे ज्यादा जमीन प. सिंहभूम और गुमला का लैंड बैक में शमिल किया गया था.
- गैरमजरुआ आम (आमलोगों की जरूरत के लिए) 211846.42 एकड़
- फॉरेस्ट लैंड (इसका उपयोग वनों विकास के अलावा किसी अन्य के लिए नहीं किया जा सकता) 998065.42 एकड़
- विभिन्न विभागों के पास 83068.48 एकड़
Leave a Comment