Pravin Kumar
Ranchi : कांग्रेस विधायक दल की बैठक में वैसे मुद्दे को शामिल किया गया, जिन पर राज्य में हलचल होती रही है. पिछड़ों को 27% आरक्षण, विस्थापन आयोग का गठन करने, नयी नियोजन नीति में सुधार कर इसे दुरुस्त करने, लैंड बैंक की भूमि वापसी जैसे कई संवेदनशील विषयों पर राज्य के आदिवासी मूलवासियों के लिए ये काफी अहम मुद्दे रहे हैं. हेमंत सरकार में साझेदार होने के नाते इन मुद्दे पर निर्णायक फैसला अगर कांग्रेस की पहल पर होता है, इस स्थिति राज्य में कांग्रेस की जड़ें और मजबूत होना स्वाभाविक है.
रघुवर कार्यकाल में बना था लैंड बैंक
हेमंत सोरेन सरकार की मुख्य साझेदार है कांग्रेस और अब उसने कहा है कि लैंड बैंक को खत्म करने की दिशा में वह पहल करेगी. रघुवर दास की सरकार ने लैंड बैंक बनाने का फैसला किया था. झारखंड में पांच जनवरी 2016 को लैंड बैंक बनाने की शुरूआत की गयी थी. इस बैंक के माध्यम से राज्य में निवेश करने वाले निवेशकों को जमीन देना मकसद था. लैंड बैंक 11.56 लाख एकड़ जमीन को शामिल किया गया था. दावा किया गया था कि पूंजी निवेश के आमंत्रण की राह इससे आसान होगी.
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लैंड बैंक बनने के साथ शुरू हो गया था विरोध
लैंड बैंक के बनने के साथ ही आदिवासी समूहों ने इसका विरोध करना शुरू किया था. लैंड बैंक में सरकार ने गैर-मजरूआ आम और खास जमीन को शामिल किया है, जिस पर ग्रामीणों का लंबे समय से कब्जा है. ग्रामीण अपनी आजीविका के लिए खेती करते आ रहे हैं. परती, सरना, चर्च, मंदिर, भूतखेता, डाली कतारी और गांव का रास्ता भी लैंड बैंक में शामिल किया गया है. ग्रामीणों को यह लगा कि सरकार उनकी जमीन, चर्च, मंदिर, रास्ता खत्म करना चाहती है. खूंटी में पत्थलगड़ी आंदोलन के पीछे जो कारण रहा, उसमें लैंड बैंक का विरोध भी एक था. खूंटी जिला के दर्जनों गांवों में काला झंडा लगा कर आदिवासियों ने लैंड बैंक का विरोध किया था. लैंड बैंक का सवाल आदिवासियों के लिए संवेदनशील सवाल है.
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आदिवासियों के लिए संवेदनशील सवाल पर कितनी कारगर होगी कांग्रेस
दो सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में तय किया गया कि लैंड बैंक के लिए जिन किसानों की जमीन ली गयी है, उनको उसे वापस करने के लिए कांग्रेस पहल करेगी. लैंड बैंक का सवाल आदिवासियों अंचलों के लिए संवेदनशील मामला है. कांग्रेस की नयी मांग के बाद के हालात क्या रुख लेंगे, यह तो समय ही बतायेगा.
लैंड बैंक में शामिल जमीन
- गैरमजरुआ खास (पूरी तरह से सरकारी) 861013.19 एकड़
- लैंड बैंक में शामिल गैरमजरुआ खास जमीन की बात करें तो 1-51 एकड़ के 230,700 प्लॉट हैं. इसी प्रकार 51-100 एकड़ वाले 4137 प्लॉट, 101-150 एकड़ वाले 438 प्लॉट और 200 एकड़ से अधिक 372 प्लॉट हैं. सबसे ज्यादा जमीन प. सिंहभूम और गुमला का लैंड बैक में शमिल किया गया था.
- गैरमजरुआ आम (आमलोगों की जरूरत के लिए) 211846.42 एकड़
- फॉरेस्ट लैंड (इसका उपयोग वनों विकास के अलावा किसी अन्य के लिए नहीं किया जा सकता) 998065.42 एकड़
- विभिन्न विभागों के पास 83068.48 एकड़