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कांग्रेस का मोदी सरकार पर तंज, ‘‘ये कैसी "परीक्षा पे चर्चा", जहां रोजाना लीक होता पर्चा

कांग्रेस का आरोप, मोदी सरकार ने शिक्षा व्यवस्था और भर्ती प्रणाली को तहस-नहस कर दिया NewDelhi  :  नीट पेपर लीक मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि यूजीसी नेट परीक्षा रद्द मामला सामने आ गया है. 18 जून को हुई नेट की परीक्षा को शिक्षा मंत्रालय ने एक दिन बाद देर शाम रद्द कर दी. मंत्रालय ने परीक्षा रद्द करने के पीछे का कारण परीक्षा की ईमानदारी को खतरे में पड़ना बताया. नेट की परीक्षा रद्द होने से एक तरफ जहां छात्र खासे नाराज है. वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां इसको लेकर भाजपा पर हमला बोल रहे हैं. नेट परीक्षा रद्द होने पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा है. कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार "लीक और फ्रॉड" के बिना कोई परीक्षा आयोजित नहीं कर सकती. खरगे ने दावा किया कि इस सरकार ने शिक्षा एवं भर्ती की पूरी व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है.

‘ये कैसी "परीक्षा पे चर्चा", जहां रोजाना लीक होता पर्चा

खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि ‘‘ये कैसी "परीक्षा पे चर्चा", जहां रोजाना लीक होता पर्चा. मोदी सरकार ने देश की शिक्षा और भर्ती प्रणाली को तहस-नहस कर दिया है. नीट, यूजीसी-नेट, सीयूईटी में पेपर लीक, धांधली और घोर अनियमितताओं का अब पर्दाफाश हो चुका है. बहुप्रचारित एनआरए (राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी) पूर्णत निष्क्रिय है. उन्होंने कहा कि ‘अगस्त 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े जोर-शोर से एनआरए की घोषणा की थी. जबरदस्त ढिंढ़ोरा पीटकर उन्होंने बोला था कि "एनआरए करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगी. सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से यह कई परीक्षाओं को समाप्त कर देगा और कीमती समय के साथ-साथ संसाधनों की भी बचत करेगा. इससे पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा.

संसद में विपक्ष ने जवाब मांगा, लेकिन मोदी सरकार टाल-मटोल और बहानेबाजी करती गयी

खरगे ने कहा कि सरकारी नौकरियों के लिए मोदी सरकार ने दावा किया था कि एनआरए सभी नौकरियों के लिए एक ही भर्ती परीक्षा करवायेगी. उन्होंने दावा किया कि चार वर्ष बीत गये हैं, राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी ने अब तक एक भी परीक्षा नहीं करवायी. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि तीन वर्षों के लिए एनआरए को 1,517.57 करोड़ का कोष मुहैया कराया गया. लेकिन दिसंबर 2022 तक केवल 20 करोड़ रुपये ही खर्च किये गये. जब-जब संसद में विपक्ष ने जवाब मांगा, तो मोदी सरकार टाल-मटोल और बहानेबाजी करती गयी.  एनआरए को केवल निचले स्तर पर अभ्यर्थियों की छटनी करने के लिए एक एजेंसी मात्र बना दिया गया, जबकि उसको भर्ती परीक्षा की एकमात्र एजेंसी बनना था. उन्होंने दावा किया कि सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी के "परीक्षा पे चर्चा" के खर्च में छह वर्षों में 175 प्रतिशत का उछाल आया है.

जो सरकार बिना धांधली परीक्षा नहीं करा सकती, उसके मुखिया छात्रों को "परीक्षा" पर ज्ञान दे रहे

खरगे ने कहा कि जो सरकार बिना धांधली के एक देशव्यापी परीक्षा नहीं करा सकती, उसके मुखिया द्वारा छात्रों को "परीक्षा" पर ज्ञान की वर्षा करना, बेईमानी है. झूठे वादों से करोड़ों युवाओं को बेरोजगारी के दलदल में धकेलकर, मोदी जी, कैमरे की छाया में, बीते दिन विश्वविद्यालय घूम रहे थे. उन्होंने यह भी कहा कि पहली नौकरी पक्की, आरक्षण का अधिकार व पेपर लीक से मुक्ति का हमारा एजेंडा हम कायम रखेंगे. युवाओं के अधिकारों के लिए सड़क से संसद तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा.

प्रधानमंत्री हर साल `परीक्षा पे चर्चा` नाम से एक भव्य तमाशा करते हैं

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने `एक्स` पर पोस्ट किया कि नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हर साल `परीक्षा पे चर्चा` नाम से एक भव्य तमाशा करते हैं. मगर, उनकी सरकार लीक और फ्रॉड के बिना कोई भी परीक्षा आयोजित नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि नीट-स्नातक 2024 परीक्षा को लेकर बेहद गंभीर सवाल खड़े हुए हैं. शिक्षा मंत्री को भी इन्हें स्वीकार करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. एनटीए की ईमानदारी गंभीर संदेह के घेरे में है. रमेश ने कहा कि अब परसों (मंगलवार) ही आयोजित हुई यूजीसी-नेट परीक्षा को कल रात रद्द कर दिया गया. दरअसल "नॉन-बायोलॉजिकल" प्रधानमंत्री की सरकार ही भारत की शिक्षा प्रणाली के लिए विनाशकारी रही है. उन्होंने दावा किया कि 2020 की नई शिक्षा नीति, भारत की शिक्षा प्रणाली को भविष्य के लिए तैयार करने के बजाय, केवल नागपुर शिक्षा नीति 2020 के रूप में कार्य करती है. कांग्रेस महासचिव ने तंज कसते हुए कहा कि यही, ‘एंटायर पॉलीटिकल साइंस’ में एमए की विरासत है. क्या वह कभी `लीक पे चर्चा` करेंगे?" [wpse_comments_template]
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