Ranchi : प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि भाजपा झामुमो पर आरोप लगाने से पहले अपनी मंशा स्पष्ट करे कि वह सरना धर्म कोड के मामले पर क्या चाहती है. उन्होंने कहा कि भाजपा गोल-गोल बातें करके इस मुद्दे को सिरे से खारिज करना चाहती है. सोनाल शांति ने आरोप लगाया कि भाजपा ने हमेशा आदिवासियों के धार्मिक पहचान को नकारा है और उन्हें बनवासी का नाम दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा आदिवासी समुदाय को वोट बैंक का मोहरा बनाती रही है. रघुवर दास के शासनकाल में सरना धर्म कोड की मांग : कांग्रेस प्रवक्ता ने याद दिलाया कि रघुवर दास के शासनकाल में कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने सरना धर्म कोड लागू करने की मांग की थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने इससे इनकार कर दिया था. भाजपा "मुंह में राम बगल में छुरी लेकर चलती है" और अपनी दोहरी बातों से आदिवासी समुदाय को धोखा देती है. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता सवाल ज्यादा करते हैं, लेकिन जब जवाब देने की बारी आती है तो गायब हो जाते हैं. भाजपा अपने आप को आदिवासियों का सच्चा हितैषी घोषित करती है, लेकिन सच्चाई यह है कि वह आदिवासियों के मुद्दों पर गंभीर नहीं है. अर्जुन मुंडा की चुप्पी : कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अर्जुन मुंडा केंद्र सरकार में जनजातीय मंत्रालय के मंत्री थे, लेकिन सरना धर्म कोड के बारे में कोई कार्रवाई नहीं की. कहा कि झारखंड की महागठबंधन सरकार ने सरना धर्म कोड बिल को पारित कर केंद्र सरकार के पास भेजा है, लेकिन आज तक केंद्र सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है. इसे भी पढ़े -यूपीए">https://lagatar.in/the-upa-government-had-rejected-the-sarna-dharma-code-in-2014-pratul-shah-dev/">यूपीए
सरकार ने 2014 में सरना धर्म कोड को किया था खारिज: प्रतुल शाह देव

भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस का पलटवारः सरना धर्म कोड पर मंशा स्पष्ट करें
