Ranchi : रांची महाधर्मप्रांत में रविवार को कोविड काल में लम्बे समय बाद पहला कंफर्मेशन या दृढ़ीकरण संस्कार कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. कार्यक्रम का आयोजन संत मारिया गिरजाघर और सपारोम के संत अन्थोनी चर्च में किया गया. करीब दो वर्षों के बाद दृढ़ीकरण संस्कार के आयोजन पर रांची में भारी संख्या में बच्चों ने हिस्सा लिया. संत मारिया गिरजाघर में 180 और संत अन्थोनी चर्च में 110 बच्चों ने एक साथ दृढ़ीकरण संस्कार में हिस्सा लिया. कोविड प्रोटोकाल के अनुसार भीड़ लगाने की अनुमित नहीं है, जिसे देखते हुए बच्चों का यह संस्कार कार्यक्रम बिना माता-पिता और परिजनों की उपस्थिति में किया गय़ा. माना जाता है कि दृढ़ीकरण संस्कार बाल्यावस्था से आत्मिक युवावस्था की ओर कृपा के जीवन में बढ़ने की शक्ति देता है. इसके बाद बच्चे अपने निर्णय खुद लेने और ईश्वर की कृपा के साथ जीने के लिए दृढ़ संकल्प लेते हैं. संत मरिया महागिरजा में पल्ली पुरोहित फादर आन्नद डेविड खलखो, फादर जोर्ज मिंज, फादर अन्जेलुस, फादर एरेनिउस और फादर मनोज ने कार्यक्रम में आर्चबिशप का सहयोग किया. वहीं रांची महाधर्मप्रांत ने रविवार को ईश सेवक फादर कोंसटनट लिवंस की 138वीं पुण्यतिथि भी मनायी. संत मरिया महागिरजा में स्थित फादर लिवंस की समाधि स्थल पर आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो ने पुष्प अर्पित किया. साथ ही स्थानीय कलीसिया और राष्ट्र के लिए विशेष प्रार्थना की. इसे भी पढ़ें-
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विश्वास, आनंद और भक्ति के साथ ग्रहण करें- आर्चबिशप

https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/11/22233.jpg"
alt="" width="600" height="400" /> संत मारिया गिरजाघर में इस विशेष दिन के मिस्सा के मुख्य अनुष्ठाता आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो थे. पवित्र दृढ़ीकरण संस्कार करते हुए आर्चबिशप ने सन्देश में कहा कि प्रभु हमें कहते हैं कि अहंकार और घमंड मत करो. वह हमें दीन और नम्र बनने के लिए कहते हैं. वह हमें अपने पड़ोसी को अपने समान प्यार करने के लिए कहते हैं. उन्होंने बच्चों को संदेश देते हुए कहा कि हमनें एक ख्रीस्तीय जीवन जीने के लिए ईश्वर की कृपा, ज्ञान, प्रज्ञा और शक्ति चाहिए. हमें याद रखना है कि ईश्वर हमें अनंत प्रेम करते हैं. हमें कभी उनके प्रेम को न ठुकराना है न ही ठेस पहुंचाना है. जिस तरह हमें ईश्वर को ठेस नहीं पहुंचाना है उसी तरह हमें अपने माता-पिता को भी ठेस नहीं पहुंचाना है. उनकी आज्ञा को मानना है. आगे उन्होंने कहा कि अभी आप बड़े हो गए हैं, अपने जीवन के निर्णय ले सकते हैं. कंफर्मेशन के जरिए आप अपने आप को ईश्वर को समर्पित कर रहे हो. इससे ईश्वर की कृपा हमपर हमेशा बनी रहेगी. दृड़करण संस्कार एक बहुत बड़ा संस्कार है. इसलिए इस दिन को विश्वस, आनंद और भक्ति के साथ ग्रहण करना है और जीवन के अंत तक इसे संजोय रहना होगा. इसे भी पढ़ें-
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संत अन्थोनी चर्च में कराया 110 बच्चों का दृढ़ीकरण संस्कार
संत अन्थोनी चर्च में रविवार को महाधर्मप्रांत के सहायक बिशप थिओडोर मस्कारेंहस ने 110 बच्चों का दृढ़ीकरण संस्कार कराया. इस अवसर पर संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि दृढ़ीकरण संस्कार से हमें शक्ति मिलती है और अपने ख्रीस्तीय विश्वास मजबूत होते हैं. इस अवसर पर सपारोम के पल्ली पुरोहित फादर मोरिस, फादर प्रभात्तारा, फादर बोस्को ने भी मुख्य रुप से हिस्स लिया. वहीं कांके के मोंटफोर्ट निवास में 7 मोंटफोर्ट धर्म बंधुओं ने अपने धर्म संघीय जीवन की जुबिली मनायी. इसमें ब्रदर कुरिकोस चेत्तिअथ, ब्रदर फ्रेडरिक सोरेंग, ब्रदर निकोलस टेटे, ब्रदर याकूब पंजीकरण, ब्रदर थॉमस थानिकल, ब्रदर बिनोय मीनटर और सठेश के डॉन ने अपनी जुबिली मनायी. [wpse_comments_template]
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