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24 माह में होना था निर्माण, सात साल बाद भी नहीं बन सका क्षेत्रीय नेत्र संस्थान, बढ़ी लागत

Ranchi: नेशनल प्रोग्राम कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस के तहत रिम्स में बन रहे क्षेत्रीय नेत्र संस्थान को शुरू होने में अभी और वक्त लगेगा. 39 करोड़ की लागत से तैयार हो रहे इस भवन का निर्माण वर्ष 2014 में शुरू हुआ था. तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र सिंह ने इसकी नींव रखी थी. भवन को दो साल में तैयार कर लेना था, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हुआ है. वहीं भवन के निर्माण की लागत बढ़कर अब 44 करोड़ पहुंच गई है. [caption id="attachment_187259" align="aligncenter" width="1280"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/11/2-35.jpg"

alt="" width="1280" height="742" /> क्षेत्रीय नेत्र चिकित्सा संस्धान का प्रस्तावित भवन[/caption]

नेत्र रोग के इलाज के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं झारखंड के मरीज

क्षेत्रीय नेत्र संस्थान का निर्माण नहीं होने से झारखंड के हजारों नेत्र रोगी बेहतर इलाज कराने से वंचित हैं. उन्हें नेत्र का इलाज कराने के लिए दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता है. भवन का निर्माण कार्य 70 से 75 फ़ीसदी ही हुआ है. निर्माण होने के बाद ही नेत्र रोग से संबंधित विभिन्न विशेषज्ञ 6 तल्ले क्षेत्रीय नेत्र संस्थान भवन में अपनी सेवा दे सकेंगे.

क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में नेत्र संबंधित विभिन्न समस्याओं का होगा उपचार

वहीं रिम्स के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ राहुल कुमार ने कहा कि क्षेत्रीय नेत्र संस्था के शुरू होने से ग्लूकोमा, रेटीना, पीडियाट्रिक ऑप्थोल्मोलॉजी, कम्युनिटी ऑप्थोल्मोलॉजी, आई बैंक के अलावा कई अन्य सुविधा भी मरीजों को मिलेगी.

क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में रहेगी ये सुविधा

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ राहुल प्रसाद ने कहा कि क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में 75 बेड का अस्पताल, मॉड्यूलर ओटी, सेमी मॉड्यूलर ओटी, आई बैंक, पढ़ाई और शोध की व्यवस्था, 150-200 छात्रों को पढ़ाने के लिए ऑडिटोरियम, कॉन्फ्रेंस की व्यवस्था, मरीजों के लिए पेड वार्ड, सेमी पेड वार्ड और जेनरल वार्ड की सुविधा रहेगी.

निर्माण कर रही कंपनी का पांच करोड़ रुपए बकाया

रिम्स के क्षेत्रीय नेत्र संस्थान का निर्माण कर रही कंपनी आरएस अग्रवाल इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के रोहित अग्रवाल ने बताया कि 5 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया गया है. इस वजह से काम बंद है. उन्होंने कहा कि इस ओर किसी का ध्यान नहीं है.

राज्य सरकार और रिम्स प्रबंधन की इच्छाशक्ति में कमी

वहीं सांसद प्रतिनिधि राजकिशोर ने कहा कि देश में कई क्षेत्रीय नेत्र संस्थान शुरू हो गया है, लेकिन झारखंड में 7 साल बीत जाने के बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि सरकार और रिम्स प्रबंधन में इच्छाशक्ति की कमी है. सिर्फ बिल्डिंग बनाना इनका उद्देश्य रह गया है. वक्त बीतने के साथ लागत राशि भी बढ़ रही है. जनता का पैसा बर्बाद किया जा रहा है. राजकिशोर ने कहा कि सांसद संजय सेठ और कांके के विधायक समरी लाल ने भी क्षेत्रीय नेत्र संस्थान का निरीक्षण किया था, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ. जबकि शासी परिषद की बैठक में यह चर्चा हुई थी कि 15 जनवरी से पहले इसे शुरू कर देना है, लेकिन उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है. इसे भी पढ़ें- आरबीआई">https://lagatar.in/rbi-may-bring-indias-digital-currency-next-year-then-india-will-have-its-own-cryptocurrency/">आरबीआई

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