Bengaluru : कर्नाटक में ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या का मामला राज्य सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है. राज्य ठेकेदार संघ के अध्यक्ष डी केम्पन्ना ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर 15 दिनों के भीतर राज्य सरकार इस मामले पर उन्हें चर्चा करने के लिए नहीं बुलाती है तो वह अपना काम बंद कर देंगे. केम्पन्ना ने कहा, इस मामले में अगर सीएम बसवराज बोम्मई कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो वह भ्रष्टाचार प्रकरण में शामिल सभी मंत्रियों और विधायकों के नाम का खुलासा कर देंगे.
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कर्नाटक का स्वास्थ्य विभाग सबसे ज्यादा भ्रष्ट है
यह भी दावा किया कि कर्नाटक का स्वास्थ्य विभाग सबसे ज्यादा भ्रष्ट है. आरोप लगाया कि पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, पंचायत राज, बीबीएमपी समेत अन्य विभाग को भी भ्रष्टाचार खोखला करने में लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि इस मामले में वह 25 मई को बेंगलुरु में एक बड़ी रैली का आयोजन करने जा रहे हैं. इस रैली में कर्नाटक के तमाम ठेकेदार शामिल होंगे.
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संतोष पाटिल ने सोमवार को आत्महत्या कर ली थी
बता दें कि कर्नाटक में एक सिविल कांट्रेक्टनर संतोष पाटिल ने सोमवार को आत्महत्या कर ली थी. संतोष का शव उडुपी की एक लॉज से मिला था. संतोष पाटिल ने 30 मार्च को आरोप लगाया था कि उसने आरडीपीआर विभाग में एक काम किया था. इसके भुगतान के लिए मंत्री ईश्वरप्पा ने चार करोड़ रुपये के काम में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी. संतोष भाई प्रकाश पाटिल ने अपनी शिकायत में कहा है कि संतोष को गांव हिंडालागा में सड़क, नालियां और फुटपाथ बनाने का ठेका मिला था.
बासवराज और रमेश 40 फीसदी कमीशन मांग रहे थे
पाटिल के अनुसार, मंत्री ईश्वरप्पा ने उन्हेंय बजट की चिंता किटे बगैर काम शुरू करने को कहा था. संतोष ने अपनी राशि इस प्रोजेक्ट पर लगाई थी लेकिन बिल का भुगतान नहीं हुआ था. शिकायत के अनुसार कांट्रेक्टार संतोष पाटिल ने आरोप लगाया था कि उसने कई बार ईश्वारप्पा के पास जाकर राशि जारी किये जाने की गुहार लगाई थी लेकिन उनके सहयोगी बासवराज और रमेश 40 फीसदी कमीशन मांग रहे थे.
कांग्रेस की ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने की मांग
संतोष पाटिल की आत्महत्या के बाद कर्नाटक में राजनीति भी तेज हो गयी है. विपक्षी दल कांग्रेस ने मंत्री एस ईश्वरप्पा को गिरफ्तार करने और मंत्रिमंडल से उन्हें बर्खास्त करने की मांग उठाई है. कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने कहा, संतोष पाटिल खुद भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता था. उसने साफ कहा था कि ईश्वरप्पा उसकी मौत के जिम्मेदार होंगे. यह भारतीय दंड संहिता की धारा 300 और 302 के तहत अपराध है.उन्होंने कहा, ‘ईश्वरप्पा को तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए और उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए.