- हाजी मतलूब इमाम बने चुनाव संयोजक.
- अंजुमन अध्यक्ष ने की घोषणा.
- हाजी मतलूब इमाम से है पुरानी दोस्ती.
- विवाद बढ़ा, तो चुनाव में देरी.
Sahil
Ranchi : अंजुमन इस्लामिया चुनाव का विवादों से पुराना नाता है. महासचिव डॉ तारिक ने मजलि-ए-आमला की सहमति से कमर सिद्दीकी को चुनाव संयोजक नियुक्त करने की घोषणा की थी. अब अध्यक्ष मुख्तार अहमद ने झारखंड वफ्फ बोर्ड के पत्रांक 185 का हवाला देते हुए कांग्रेसी नेता हाजी मतलूब इमाम को चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी. इस घोषणा के साथ ही अंजुमन चुनाव विवाद गहराने की आशंका बढ़ गयी है.
हाजी मतलूब इमाम से है पुरानी दोस्ती
निवर्तमान अध्यक्ष मुख्तार अहमद और नवनियुक्त चुनाव संयोजक हाजी मतलूब इमाम की दोस्ती जगजाहिर है. दोनों झारखंड राब्ता हज कमेटी के नाम से लंबे समय से एक साथ सक्रिय हैं. ऐसे में निष्पक्ष चुनाव की संभावना पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है. कुछ लोगों का कहना है कि इमाम साहब वृद्धा अवस्था की बीमारियों से जूझ रहे हैं. ऐसे में उन्हें विवादों में घिसटना उचित निर्णय नहीं है.
विवाद बढ़ा, तो चुनाव में देरी
अंजुमन चुनाव में दो संयोजक की घोषणा के साथ अब विवाद बढ़ने की आशंका है. अंजुमन से जुड़े एक अहम व्यक्ति ने कहा कि अगर विवाद और गहराता है, तो नवंबर में प्रस्तावित चुनाव टल सकता है. अंजुमन का चुनाव का मामला पहले भी हाई कोर्ट तक जा चुका है. आपसी सहमति से बात नहीं बनने पर कोर्ट तक चुनाव का मामला पहुंच सकता है. इन परिस्थितियों में चुनाव में देरी होना स्वाभाविक है.
अब आगे क्या रास्ता है
समाज के सुलझे लोग आगे बढ़ कर महासचिव व अध्यक्ष के बीच आपसी समन्वय बनाने का प्रयास कर सकते हैं. जिससे चुनाव विवाद के बिना हो सके. चुनाव विवादित होने पर समाज के अच्छे लोगों की भागीदारी पर असर पड़ेगा. इस बार आम मुसलिम अंजुमन की तरक्की के लिए गैर विवादित, सुशिक्षित और समर्पित लोगों को तरजीह देने के मूड में है.
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