Lagatar Desk : उत्तर प्रदेश एटीएस ने नोएडा में धर्मांतरण कराने वाले एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में एटीएस ने दो मौलानाओं को गिरफ्तार भी किया है. पिछले दो साल से चलाये जा रहे इस रैकेट में मूक-बधिर बच्चों और महिलाओं का धर्म परिवर्तन कराया जाता था. पुलिस को इस मामले में विदेशी फंडिंग के भी सबूत मिले हैं. इस रैकेट में 100 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की आशंका है. हालांकि अभी सिर्फ दो लोगों की ही गिरफ्तारी हुई है.
पिछले एक साल में 350 लोगों का करा चुके हैं धर्मांतरण
इस संबंध में एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया कि यह रैकेट पिछले एक साल में 350 लोगों का धर्मांतरण करा चुका है. नोएडा स्थित मूक-बधिर बच्चों के एक स्कूल में पढ़नेवाले 18 बच्चों का धर्मांतरण कराया गया. उन्होंने बताया कि अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है. पिछले दो साल से रैकेट चलाया जा रहा था. एडीजी ने बताया कि इस मामले में विदेशी फंडिंग के साक्ष्य भी मिले हैं. उन्होंने कहा कि रैकेट के सदस्य लोगों को डरा-धमकाकर और लालच देकर धर्मांतरण कराते थे.
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दिल्ली के हैं दोनों आरोपी, हिंदू से मुसलमान बना है उमर
गिरफ्तार किये गये आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी दिल्ली के जामिया नगर इलाके के रहने वाले हैं. इनके खिलाफ देश के कई इलाकों में धर्मांतरण कराने का आरोप है. एटीएस ने इस मामले में यूपी के गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज करायी है. इसमें जामिया नगर स्थित आईडीसी इस्लामिक दावा सेंटर के चेयरमैन को भी आरोपी बनाया गया है. इन दोनों मौलानाओं से चार दिन से पूछताछ की जा रही है. जांच में यह बात भी सामने आयी है कि मोहम्मद उमर गौतम भी धर्मांतरण कर हिंदू से मुसलमान बना था.
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गरीब हिंदुओं को लालच और डरा-धमका कर करते थे धर्म परिवर्तन
एफआईआर के अनुसार ये लोग गैर-मुस्लिमों को नौकरी और पैसे का लालच देकर तथा डरा-धमकाकर धर्म परिवर्तन कराते थे. इनका निशाना आमतौर पर कमजोर वर्गों, बच्चों, महिलाओं और मूक-बधिर होते थे. एटीएस के अफसरों ने बताया कि ये लोग गरीब हिंदुओं को निशाना बनाते थे. अब तक ये एक हजार से ज्यादा हिंदुओं का धर्मांतरण कर चुके हैं. दोनों मालाना का नाम रामपुर से जुड़े धर्मांतरण के मामले में भी सामने आ रहा है. अब एटीएस जानकारी जुटाने में लगी है कि इन मौलानाओं को फंडिंग कहां से होती थी और इनका मकसद क्या है.