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धोखाधड़ी मामले में दोषी को तीन साल की सजा और दस हजार रुपये का जुर्माना

Bermo: तेनुघाट कोर्ट के एसडीजेएम संजीत कुमार चंद्र ने धोखाधड़ी मामले में दोषी योगेश मांझी उर्फ योगेश हेम्ब्रम को 3 वर्ष की सजा सुनायी है. साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.पेटरवार थाना क्षेत्र के पुटकाडीह टोला भेलवाटांड़ निवासी उपासी देवी ने पेटरवार थाने में केस दर्ज कराया था.

क्या है मामला

उपासी देवी ने अपने आवेदन में बताया कि उसके पति लाल किशोर बास्के जोधपुर में काम करने गए थे. जहां उनकी मौत हो गई. कंपनी ने मुआवजे के तौर पर 1,54,775 रुपये दिये थे. गांव के ही योगेश मांझी ने 28 दिसंबर 2013 को 49 हजार रुपये एवं 2 जनवरी 2014 को 25 हजार रुपये उसके पुत्र को तेनुघाट भारतीय स्टेट बैंक ले जाकर निकाल लिया. उपासी के पुत्र को उसने कहा कि 20,000 रुपये निकला है. पांच हजार रुपये रखकर उसे 20 हजार रुपए दे दिया. जब वह घर वापस लौटी तो गांव के ही बाबूदास मांझी को पासबुक दिखाया. उसने बताया कि उसके खाते से 74 हजार रुपए निकला है. इस बारे में उपासी देवी ने गांव वालों को सारी बात बताई. गांव वालों ने योगेश मांझी को पैसे लौटाने को कहा. गांव वालों के कहने उसने पैसे लौटा देने का आश्वासन दिया, पर पैसे नहीं लौटाये.

2014 में उपासी ने दर्ज कराया था मामला

फरवरी 2014 में पेटरवार थाना में इस संबंध में उपासी ने मामला दर्ज करा दिया. उक्त बयान के आधार पेटरवार थाना में कांड संख्या 28/14 दर्ज किया गया. आरोप पत्र दायर होने के बाद मामला स्थानांतरित होकर जज श्री चंद्र के न्यायालय में आया. कोर्ट में उपलब्ध साक्ष्य एवं दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं के बहस को सुनने के बाद कोर्ट ने अभियुक्त योगेश मांझी उर्फ योगेश हेम्ब्रम को धोखाधड़ी के मामले में दोषी मानते हुए 3 वर्ष की सजा एवं 10,000 रुपये जुर्माना लगाया. कोर्ट ने जुर्माना की राशि नहीं देने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा का आदेश दिया. https://english.lagatar.in/auto-drivers-will-be-investigated-for-the-protection-of-corona/45200/

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