क्या दिए गए निर्देश
स्वच्छता शाखा के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को डोर टू डोर कूड़े के उठाव के लिए बिट प्लान के साथ-साथ रोटेशन प्लान भी तैयार करना होगा. जिसके तहत वार्डवार कूड़े के उठाव के लिए एक टाइमलाइन के अनुसार एक गली तय की जानी होगी और उसके बाद दूसरी. इसके लिए वार्ड सुपरवाइजर को रोड मैप तैयार करने का निर्देश दिया गया, ताकि हर घर सफ़ाई के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके. इसके अलावा ट्रैक्टर का उपयोग केवल रोड एवं डस्टबिन के कूड़े को एकत्र करने के लिए किया जाए. ट्रैक्टर द्वारा घरों से कूड़ा नहीं लिया जाएगा. सभी सफ़ाई की गतिविधियों को समय पर पूरा करने का भी निर्देश दिया गया. सभी गली मोहल्लों में आम नागरिकों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र एवं घरों के आस-पास डंपिंग साइट बना दिया गया है, जहां प्रतिदिन लोग कूड़ा डाल देते हैं. सभी वार्डों के इन डंपिंग जोन को चिन्हित करते हुए अगले दो दिनों के अंदर कूड़े का उठाव सुनिश्चित करे. इसके बाद उस स्थल को ``कूड़ा-कचरा निषेध क्षेत्र`` बनाएं. इसके अलावा सभी वार्ड के नागरिकों को जागरूक करें कि कूड़ा डस्टबिन में डालें.जल जमाव की समस्या का तुरंत हो निष्पादन
भारी वर्षा को लेकर गठित त्वरित प्रतिक्रिया टीम को जल-जमाव या अन्य समस्याओं का निष्पादन तुरंत करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ सफ़ाई तो होकर रहेगी 3.0 अभियान के तहत सभी छोटी बड़ी नालियों को और बेहतर तरीके से साफ कराने का निर्देश सुपरवाइजरों को दिया. इसके अलावा नालियां ओवर-फ्लो ना हो, इसके लिए सभी जाम नालियों से सिल्ट निकालना तथा भीड़-भाड़ तथा व्यस्त रास्ते वाले सड़कों पर नाली से निकाले गए सिल्ट को सीधे रूप से ट्रैक्टर से उठाव करने का निर्देश दिया. इसके अलावा शहर के खतरनाक नालों के किनारे स्थायी रूप से बैरिकेडिंग करने के साथ-साथ साइन बोर्ड भी लगाने का निर्देश दिया गया. बिल्डिंग बाइलॉज के मुताबिक नाले और नालियों के समीप निर्माण कराकर लोगों द्वारा नियम का उल्लंघन किया जा रहा है. इसके लिए प्रशासक ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि निगम द्वारा पदाधिकारी एवं अमीन की एक टीम बनाई जाएगी, जो महत्त्वपूर्ण नालों का सर्वे कर वैसे निर्माणों को चिन्हित करेगी जो नालों के ऊपर अवैध रूप से बनी है. जिसके बाद निगम द्वारा उसे नोटिस देकर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. कचरा प्रबंधन के लिए प्रशासक ने कहा कि डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण में विशेषकर ध्यान दें. सूखा एवं गीला कचरा को अलग-अलग डस्टबिन में रखने के लिए आम नागरिकों कों जागरूक करने के लिए अभियान चलाएं. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में वेस्ट मैनेजमेंट अति महत्वपूर्ण है. रांची नगर निगम को कूड़ा के पृथक्करण करने की आवश्यकता है. जानकारी साझा करते हुए उन्होंने बताया कि झिरी में गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा दो चरणों में 300 मिट्रीक टन/प्रतिदिन का बायो कंपोस्ट प्लांट लगा रहा है, जिसके लिए प्रतिदिन लगभग 300 टन गीला कचड़ा देने की आवश्यकता होगी. इसके हमें अभी से ही कूड़ा के अलग-अलग रखने पर ध्यान देना होगा. बैठक में प्रशासक के द्वारा इंफोर्समेंट शाखा को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को चिन्हित करें, जिनके द्वारा प्रतिदिन कूड़ा सड़क किनारे डंप किया जाता है या नालियों में डाल दिया जाता है. ऐसे प्रतिष्ठानों पर जुर्माना लगाने को कहा गया. साथ ही सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को दुकान के बाहर डस्टबिन रखने का निर्देश दिया. बैठक में अपर प्रशासक कुंवर सिंह पाहन, सहायक प्रशासक, शीतल कुमारी, नगर प्रबंधक, जोनल सुपरवाइजर, वार्ड सुपरवाइजर, एमपीएस एवं अन्य कर्मी उपस्थित थे. इसे भी पढ़ें : हजारीबाग">https://lagatar.in/hazaribagh-former-mla-reached-to-meet-the-victims-family-gave-3-news-including-financial-support/">हजारीबाग: पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे पूर्व विधायक, दिया आर्थिक सहयोग समेत 3 खबरें [wpse_comments_template]
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