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देश का पहला इंटरनेशनल गोल्ड एक्सचेंज लॉन्च किया गया, पीएम मोदी ने किया शुभारंभ

NewDelhi : भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज आज शुक्रवार को लॉन्च कर दिया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने देश का पहला अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज (International Bullion Exchange) लॉन्च किया. बुलियन एक्सचेंज गांधीनगर के पास इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में स्थापित किया गया है. खबरों के अनुसार यह एक्सचेंज फिजिकल गोल्ड (Gold) और सिल्वर (Silver) की बिक्री करेगा. कहा जा रहा है कि इस शंघाई गोल्ड एक्सचेंज और बोरसा इस्तांबुल की तर्ज पर स्थापित करने का लक्ष्य है, ताकि भारत को बुलियन फ्लो के लिए एक प्रमुख क्षेत्रीय केंद्र बनाया जा सके. जानकारी के अनुसार यह एक्सचेंज एक साल की देरी, कई ट्रायल और ड्राई रन के बाद लॉन्च किया जा सका है. इसे भी पढ़ें : मेघालय">https://lagatar.in/meghalaya-35-gelatin-sticks-100-detonators-recovered-from-bjp-leaders-farm-house-who-arrested-for-running-brothel/">मेघालय

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बुलियन को लीगल टेंडर माना जा सकता है!

उच्च शुद्धता का फिजिकल गोल्ड और सिल्वर, जिसे बार, सिल्लियों या सिक्कों के रूप में रखा जाता है, उसे बुलियन कहा जाता है. बुलियन को कभी-कभी लीगल टेंडर माना जा सकता है. इसे अक्सर केंद्रीय बैंकों द्वारा स्वर्ण भंडार के रूप में रखा जाता है या संस्थागत निवेशकों द्वारा रखा जाता है.

बुलियन एक्सचेंज का उद्देश्य जानें 

1990 के दशक में नोमिनेटेड बैंकों और एजेंसियों के माध्यम से सोने के आयात का उदारीकरण हुआ था. उसके बाद पहली बार भारत में योग्य ज्वैलर्स को आईआईबीएक्स (IIBX) के माध्यम से सीधे सोना आयात (Gold Imports) की अनुमति दी गयी. इसलिए यह एक्सचेंज अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है. इसके लिए ज्वैलर्स को एक मौजूदा ट्रेडिंग मेंबर का ट्रेडिंग पार्टनर या क्लाइंट होना जरूरी है. एक्सचेंज ने भौतिक सोने और चांदी के भंडारण के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया है. इसे भी पढ़ें :  BSNL-">https://lagatar.in/bsnl-package-more-than-1-lakh-crore-expectations-redundant/">BSNL-

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यहां डॉलर में भी हो सकेगी ट्रेडिंग

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार आईआईबीएक्स के सीईओ और एमडी अशोक गौतम ने इस माह की शुरुआत में बताया था कि इसे स्थापित करने के पीछे विचार यह है कि एक एक्सचेंज पर कमोडिटीज की ट्रेडिंग को सक्षम बनाया जाये. चूंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज है, इसलिए ट्रेडिंग अमेरिकी डॉलर में भी हो सकती है. हम खुद को एशिया के सबसे बड़े ट्रेडिंग हब के रूप में देखेंगे. IIBX पर कॉम्पिटिटिव प्राइसिंग के कारण इंटरनेशनल प्लेयर्स हमारी सेवाओं का उपयोग करके खुश होंगे. इसके अलावा, इसके एक मुक्त व्यापार क्षेत्र होने के कारण कोई शुल्क नहीं देना होगा. वर्तमान में, भारत में सोने का इंपोर्ट एक कंसाइनमेंट मॉडल पर विभिन्न शहरों में नामित बैंकों और आरबीआई द्वारा अनुमोदित एजेंसियों द्वारा किया जाता है. इसके बाद ट्रेडर्स/ज्वैलर्स को आपूर्ति की जाती है. बैंकों और अन्य एजेंसियों को हैंडलिंग, भंडारण आदि के लिए सोने के निर्यातक से शुल्क मिलता है. घरेलू खरीदारों के साथ लेनदेन करते समय सोने में प्रीमियम भी जोड़ा जाता है. खरीदार इस शुल्क को वैल्यू चेन में तब तक ट्रांसफर करता है, जब तक कि वह अंतिम ग्राहक तक नहीं पहुंच जाता है. इसे भी पढ़ें :  संसद">https://lagatar.in/parliament-adjourned-suspended-mps-sit-in-ends-adhir-ranjan-did-not-get-time-from-rashtrapati-bhavan/">संसद

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ज्वैलर्स को आईआईबीएक्स के जरिए सोना आयात करने की अनुमति होगी

आईआईबीएक्स की ग्रोथ केवल गिफ्ट सिटी तक ही सीमित नहीं होगी, बल्कि यह देशभर के सभी ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग हब्स तक होगी. योग्य ज्वैलर्स को आईआईबीएक्स के जरिए सोना आयात करने की अनुमति होगी. आईआईबीएक्स मेंबर के क्लाइंट ज्वैलर्स को यह सुविधा होगी. एक्सचेंज पर ज्वैलर्स उपलब्ध स्टॉक देख सकते हैं और ऑर्डर भेज सकते हैं. इससे ज्वैलर्स का इन्वेंट्री मैनेजमेंट काफी आसान होगा. इससे कीमत और ऑर्डर सिक्वेंसिंग में काफी अधिक पारदर्शिता आ जायेगी. [wpse_comments_template]

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