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यूएन और अमेरिका के हस्तक्षेप पर सेना ने जतायी आपत्ति
तख्तापलट के बाद नाइजर के आसपास मौजूद अफ्रीकी देशों की चिंता बढ़ गयी है. इस घटना की अमेरिका सहित कई देशों ने कड़ी आलोचना की है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि नाइजर को मिलने वाली सहायता लोकतांत्रिक शासन पर ही निर्भर करेगी. ऐसे में नाइजर की सेना ने यूएन और अमेरिका के हस्तक्षेप पर आपत्ति जतायी है और इससे मामले से दूर रहने की धमकी दी है. इसे भी पढ़ें : पलामू">https://lagatar.in/palamu-a-minor-committed-suicide-by-consuming-poison-in-a-love-affair/">पलामू: नाबालिग ने प्रेम प्रसंग में जहर खाकर दी जान, डेढ़ माह में तीन लोगों ने आत्महत्या की
खराब सुरक्षा व्यवस्था और शासन की वजह से सेना ने राष्ट्रपति शासन खत्म किया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्नल अमादौ अब्द्रमाने सैनिकों और अधिकारियों के साथ नेशनल चैनल पर आये और बजौम की सरकार को तख्तापलट करने का ऐलान किया. कर्नल ने कहा कि देश की खराब सुरक्षा व्यवस्था और शासन की वजह से वे राष्ट्रपति शासन को खत्म कर रहे हैं. आगे कहा कि नाइजर के सभी बॉर्डर सील कर दिये गये हैं. अब न तो कोई देश से बाहर जा सकता है और न ही बाहर देश में प्रवेश कर सकता है. टीवी पर सरकारी अधिकारियों को बर्खास्त करने का ऐलान है. साथ ही सरकारी संस्थानों को भी निलंबित करने की घोषणा की. इसे भी पढ़ें : हे">https://lagatar.in/hey-ram-the-authorities-of-reims-are-not-even-ashamed-to-see-the-plight-of-the-mortuary/">हेराम… मॉर्चरी की दुर्दशा देखकर रिम्स के अधिकारियों को तनिक भी लाज नहीं आती
2021 में बजौम बने थे नाइजर के राष्टपति
बता दें कि मोहम्मद बजौम साल 2021 में नाइजर के राष्ट्रपति बने थे. चुनाव से पहले भी यहां तख्तापलट की कोशिश की गयी थी. 1960 से अबतक देश में चार बार सैन्य शासन रह चुका है. दरअसल नाइजर के राष्ट्रपति बजौम को पश्चिमी देशों का समर्थन हासिल था. वे नाइजर में मौजूद अलकायदा और इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के खिलाफ लगातार एक्शन ले रहे थे. ऐसे में अब यहां सेना ने तख्तापलट कर दिया है. इसे भी पढ़ें : तीसरे">https://lagatar.in/guaranteed-to-make-india-the-third-top-economy-in-the-third-term-modi/">तीसरेटर्म में भारत को तीसरी टॉप अर्थव्यवस्था बनाने की गारंटी : मोदी [wpse_comments_template]
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