Vinit Upadhyay
Ranchi: झारखंड में कोर्ट फीस में वृद्धि का मामला अब गरमाता जा रहा है. स्टेट बार काउंसिल के निर्देश पर पूरे राज्य के अधिवक्ताओं ने कोर्ट फीस में की गई बढ़ोतरी का विरोध किया है. रांची में झारखंड हाईकोर्ट और रांची सिविल कोर्ट के वकीलों ने भी काउंसिल के निर्देश का पालन करते हुए खुद को न्यायिक कार्यों से दूर रखा. जिसका असर न्यायिक कार्यों के निष्पादन पर साफ देखने को मिला. झारखंड के सभी जिलों में वकीलों ने काला बिल्ला लगाकर अपना रोष व्यक्त किया तो वहीं रांची सिविल कोर्ट के वकीलों ने कोर्ट परिसर से लेकर अलबर्ट एक्का चौक पर शांतिपूर्ण मार्च निकाल कर सरकार से कोर्ट फीस में की गई वृद्धि को वापस लेने की मांग की. रांची जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शम्भू अग्रवाल और महासचिव संजय विद्रोही के नेतृत्व में वकीलों ने पैदल मार्च किया. पैदल मार्च के दौरान सरकार के इस निर्णय के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई. इस पैदल मार्च में रांची जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और अन्य वकील शामिल हुए. अलबर्ट एक्का चौक पहुंचकर वकीलों का यह प्रदर्शन खत्म हुआ.

मौके पर रांची जिला बार के अध्य्क्ष शम्भू अग्रवाल ने कोर्ट फीस में हुई वृद्धि के निर्णय के खिलाफ सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि कोर्ट फीस बढ़ाये जाने से अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचना काफी मुश्किल हो जायेगा और लोग न्याय के लिए भटकते रहने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

रांची जिला बार के महासचिव संजय विद्रोही ने कोर्ट फीस में इजाफे के आदेश को काला कानून बताया. उन्होंने कहा कि कोर्ट फीस में बढ़ोतरी का निर्णय बिना वकीलों की सर्वोच्च संस्था यानि स्टेट बार काउंसिल की सहमति से लिया गया है और यह किसी भी तरह से व्यावहारिक नहीं है. इसलिए सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे.

झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण के मुताबिक, काउंसिल फीस वृद्धि के मामले में काफी संजीदा है और वकीलों के न्यायिक कार्य से दूर रहने के निर्णय का पूरे झारखंड के वकीलों ने समर्थन किया है. अगर जरूरत पड़ी तो वे इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे और जब तक सरकार अपने फैसले पर दोबारा विचार नहीं करती तब तक पूरे राज्य के अधिवक्ता एकजुट होकर इस लड़ाई को लड़ेंगे. काउंसिल जल्द ही फीस वृद्धि के मामले पर अपने सदस्यो की एक बैठक भी बुलाने वाली है.

झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन की अध्यक्ष ऋतु कुमार ने काउंसिल के निर्णय का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि काउंसिल के निर्देश पर झारखंड हाईकोर्ट के वकील भी सोमवार को न्यायिक कार्यों में हिस्सा नहीं लिया. जो भी वकील हाईकोर्ट आये उन्होंने काला बिल्ला लगाकर अपना रोष व्यक्त किया.

सिविल कोर्ट के वकीलों द्वारा निकाले गए पैदल मार्च में शामिल धनबाद सिविल कोर्ट के पूर्व अध्यक्ष और बार काउंसिल एग्जीक्यूटिव कमिटी के अध्यक्ष राधे श्याम गोस्वामी ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली कि कोर्ट फीस में वृद्धि के निर्णय का विरोध रांची के वकील सड़कों पर कर रहे हैं. इसलिए उन्हें समर्थन देने वो धनबाद से रांची आये हैं और जब तक सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती तब तक वकील आंदोलन जारी रखेंगे.
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