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कोविड ने डाला गरीब बच्चों के राइट टू एजुकेशन पर बाधा, 1051 सीटों पर एडमिशन की कोई जानकारी नहीं

Ranchi : गरीब परिवार के बच्चे शिक्षा से वंचित न रहे इसके लिए सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 कानून लाया. इसके तहत बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में फ्री और अनिवार्य एजुकेशन देने का प्रवाधान है. कोविड के कारण सत्र 2021-22 के लिए एडमिशन शुरु तो हुआ था. पर पूरा नहीं हो पाया. इस सत्र के लिए रांची जिले के 102 प्राइवेट स्कूलों में कुल 1351 सीटे थी. इसमें मार्च तक लगभग 300 बच्चों को एडमिशन हो चुका था. स्कूलों द्वारा काफी आवेदनों को रिजेक्ट करने की शिकायत विभाग को मिल रही थी. जिसके बाद डीसी ने इसके पीछे का कारण जानने के लिए जांच का निर्देश दिया था. मार्च अंतिम महीने तक जांच रिपोर्ट मांगा गया था. इसके बाद कोविड के दूसरे लहर के कारण बचे हुए 1051 सीटों पर एडमिश टला हुआ है.

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परिस्थितियों के समान होने के बाद ही एडमिशन प्रक्रिया और जांच प्रकिया होगी शुरु - डीएसई

रांची जिले में RTE के तहत एडमिशन के इंचार्ज जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) कमला सिंह है. 1051 बीपीएल बच्चों का एडमिशन फिलहाल स्थगित रहने के मामले में उन्होंने कहा कि कोविड के कारण एडमिशन फिर से कब शुरु होगा इसकी कोई जानकारी नहीं है. परिस्थितियों के समान होने के बाद ही इसपर बैठक कर निर्णय लिया जा पाएगा. इसके साथ ही जांच रिपोर्ट के बारे में उन्होंने कहा कि स्कूलों के बंद होने के कारण जांच पूरी नहीं हो पाई. स्कूलों के खुलने के बाद इसपर कार्य किया जाएगा.  

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हर वर्ष 20 प्रतिशत बच्चों तक ही मुश्किल से पहुंच रहा RTE का फायदा

आपको बता दें कि सत्र 2021-22 के लिए रांची जिले में 1351 सीटे थीं. इन सीटों के लिए जिले भर से 2281 आवेदन विभाग को मिले थे. इससे पहले सत्र 2020-21 में 985 सीटों पर केवल 105 बच्चों को एडमिशन हुआ था. वहीं सत्र 2019-20 के लिए 973 सीटों पर मात्र 234 बच्चों को एडमिशन मिला था. हर वर्ष इस अधिकार के तहत मुश्किल से 20 प्रतिशत बच्चों तक ही इसका फायदा पहुंच रहा है.

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क्या है शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 (RTE)  

नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के तहत प्राइवेट स्कूलों में बीपीएल बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गयी हैं. इसके तहत स्कूलों के केवल प्रवेश कक्षा में ही एडमिशन लिया जाता है. क्लास 8 तक इन बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार उठाती है.

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