Ranchi: नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को लेकर चिंता जताई है. कहा है कि एससीआरबी की रिर्पोट के अनुसार, वर्ष 2025 में केवल 10 महीनों (जनवरी से अक्टूबर) में ही झारखंड में महिलाओं के खिलाफ 4294 मामले दर्ज हो चुके हैं, जबकि वर्ष 2024 में यह संख्या 4147 थी.
प्रतिदिन औसतन 5 महिलाओं को दुष्कर्म और अपहरण का शिकार होना पड़ रहा है. सबसे हैरान कर देने वाली स्थिति राजधानी रांची की है. अकेले रांची में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में पिछले वर्ष की तुलना में 47% की वृद्धि दर्ज की गई है.
रांची में अन्य शहरों की तुलना में अधिक संसाधन उपलब्ध
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि रांची में राज्य के अन्य शहरों की तुलना में अधिक पुलिस बल और सुरक्षा संसाधन उपलब्ध हैं, फिर भी हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. अपराधियों में कानून का डर समाप्त हो चुका है और महिलाएं सार्वजनिक स्थलों, कार्यस्थलों और यहां तक कि अपने घरों में भी असुरक्षित महसूस कर रही हैं.
पुलिस प्रशासन वसूली में व्यस्त
पुलिस-प्रशासन अपराध रोकने के बजाय वसूली में व्यस्त है. आम जनता, विशेषकर महिलाएं, न्याय और सुरक्षा के लिए भटकने को मजबूर हैं. उन्होंने सरकार से कहा है कि पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में होने वाले लेन देन की प्रवृति पर रोक लगाई जाए. थानों को वसूली का टारगेट देना बंद किया जाए. तभी महिलाओं के खिलाफ अपराध पर अंकुश लगाया जा सकता है.
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