Ranchi : झारखंड में सक्रिय माने जाने वाले 7 पंजीकृत राजनीतिक दलों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के निर्देश पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ), झारखंड ने इन दलों से शपथ पत्र के साथ अपना लिखित पक्ष 15 जुलाई 2025 तक समर्पित करने को कहा है. समय-सीमा के भीतर जवाब नहीं देने की स्थिति में इन दलों को राजनीतिक दलों की आधिकारिक सूची से हटाने की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी.
इन सात राजनीतिक दलों में शामिल हैं- भारत विकास मोर्चा (देवघर),भारतीय जनमुक्ति पार्टी (पलामू),मानव मुक्ति मोर्चा (पलामू),नवजवान संघर्ष मोर्चा (गढ़वा),जनसाधारण पार्टी (रांची),झारखंड विकास दल (रांची),राष्ट्रीय मजदूर किसान प्रजातांत्रिक पार्टी (रांची) इन दलों ने पिछले 6 वर्षों में न तो लोकसभा और न ही विधानसभा चुनावों में भाग लिया है. चुनावी भागीदारी के अभाव और सक्रियता खत्म होने की स्थिति में इन दलों के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लग गया है.
22 जुलाई को होगी सुनवाई, नहीं आने पर कार्रवाई तय
सीईओ कार्यालय की ओर से बताया गया कि 22 जुलाई 2025 को पूर्वाह्न 11 बजे इन दलों के प्राधिकृत प्रतिनिधियों के साथ सुनवाई आयोजित की गई है. सुनवाई में भाग लेने और दस्तावेज सौंपने के लिए आयोग द्वारा सभी दलों को पंजीकृत पत्राचार के पते पर नोटिस भेजा गया है.साथ ही, इस सूचना को आमजन तक पहुंचाने के लिए समाचार पत्रों और विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी सार्वजनिक किया गया है.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का आग्रह
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सभी संबंधित दलों से समय पर जवाब और दस्तावेज जमा करने का अनुरोध किया है. ताकि आयोग द्वारा आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जा सके. यदि समय पर जवाब नहीं मिला, तो उन्हें सूची से हटाने की कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी.