Gyan Kumar Paswan
Keredari : झारखंड सरकार की महत्वपूर्ण योजना में से एक फसल राहत योजना है. जो किसानों के लिए लाया गया है. लेकिन हजारीबाग के केरेडारी प्रखंड के किसानों के लिए ये योजना लाभदायक साबित नहीं हो पा रही है. इस योजना के तहत झारखंड सरकार ने प्रत्येक किसान के खाते में 3000 से 3500 सौ तक सहायता राशि देने की घोषणा की थी.
इसके रजिस्ट्रेशन के लिए प्रज्ञा केंद्र संचालकों ने किसानों से 100 रुपये तक की वसूली की. बाद में किसानों को फसल राहत योजना के स्कीम को सुखाड़ राहत योजना में परिवर्तित कर दिया गया और फिर से केवाईसी के माध्यम से अपडेट कराने का निर्देश मिला. लेकिन जब सरकार ने पैसे जारी किए तो बहुत कम किसानों को इसका लाभ मिला.
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क्या कह रहे हैं किसान
इस बारे में जोरदाग के किसान चमन साव ने कहा कि अच्छी फसल ना होने की वजह से पहले से ही परेशान थे. लेकिन सरकार की महत्वपूर्ण आकांक्षा योजना को पूरा करने के लिए भी केवाईसी के लिए प्रज्ञा केंद्र का चक्कर काटने पड़ रहे हैं. जिससे परेशानी हो रही है क्योंकि केवाईसी कराने में सरवर डाउन रहने की समस्या आ रही है. जिससे कई किसान लगातार प्रज्ञा केंद्र के चक्कर लगा रहे हैं. सरवर समस्या की वजह से कई किसानों का केवाईसी नहीं हो सका. जब 29 दिसंबर 20 22 को किसानों के खाते में राशि भेजने की बारी आई, तो ज्यादातर पंजीकृत किसानों को धोखा मिला. वहीं कई किसानों के खाते में तो कोई राशि आयी ही नहीं.
यहां बता दें कि केरेडारी प्रखंड में 18000 किसानों ने पंजीकरण कराया था. लेकिन केरेडारी प्रखंड के मात्र 2000 किसान ही इस योजना से लाभान्वित हुए, बाकी किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनुज कुमार ने बताया कि बहुत से किसानों का पेपर रिजेक्ट हो गया, जिससे उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल सका. उन्होंने बताया कि रिजेक्ट आवेदनों की त्रुटियों को सुधारा जा रहा है. साथ ही बाकी पंजीकृत किसानों के आवेदन में भी जो समस्या थी, उसे भी सुधारा जा रहा है.
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