NewDelhi : चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में रिजल्ट अप्रत्याशित रहा. भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठजोड़ को मात दे दी. भाजपा उम्मीदवार हरप्रीत कौर ने आम आदमी पार्टी की मेयर उम्मीदवार प्रेमलता को हरा दिया. हरप्रीत कौर को कुल 19 वोट मिले. प्रेमलता 17 वोट ही हासिल कर पायी. हालांकि नंबर गेम आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में था लेकिन भाजपा ने बाजी पलट दी. सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त स्वतंत्र पर्यवेक्षक पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जयश्री ठाकुर की निगरानी में वोट डाले गये.
#WATCH | Chandigarh Mayor elections | BJP candidate Harpreet Kaur Babla elected as the new Mayor of Chandigarh. pic.twitter.com/Nt7AgvlZzh
— ANI (@ANI) January 30, 2025
क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों का पता लगाना आसान नहीं
खबरों के अनुसार भाजपा के पक्ष में तीन पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की. बताया जाता है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने क्रॉस वोटिंग रोकने के लिए अपने सभी पार्षदों को रिसॉर्ट में ठहराया था. आप के पार्षदों पर पंजाब पुलिस नजर रख रही थी. कांग्रेस पार्षदों की निगरानी पार्टी के सीनियर नेता कर रहे थे. लेकिन सब बेकार हो गया.
क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों का पता लगाना आप और कांग्रेस गठबंधन के लिए आसान नहीं होगा.क्योंकि गुप्त मतदान प्रणाली के जरिये वोटिंग हुई है.
चंडीगढ़ नगर निगम के 35 पार्षदों के साथ सांसद मेयर चुनाव में वोट डालते हैं
चंडीगढ़ नगर निगम के 35 पार्षदों के साथ चंडीगढ़ के सांसद मेयर चुनाव में वोट डालते हैं. यानि कुल मिलाकर 36 वोट हैं. हालांकि चुनाव में सभी वोट पड़े लेकिन क्रॉस वोटिंग के कारण आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को हार मिली.
जान लें कि चंडीगढ़ नगर निगम में आम आदमी पार्टी के 13 पार्षदों और कांग्रेस के छह पार्षद हैं. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पास सांसद के वोट समेत कुल 20 वोट हैं. जीत के लिए सिर्फ 19 वोट चाहिए.
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