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कभी फांसी टोंगरी के नाम से जाना जाता था पहाड़ी
पहाड़ी मंदिर का प्राचीन नाम तिरिबुरु था. अंग्रेजी शासन के दौरान इसका नाम हैंगिंग गैरी हुआ. पहाड़ी मंदिर स्वतंत्रता पूर्व फांसी टोंगरी के नाम से भी जाना जाता था. दरअसल, यहां अंग्रेज क्रांतिकारियों को फांसी दिया करते थे. स्वतंत्रता सेनानी कृष्ण चंद्र दास ने आजादी के बाद यहां पहली बार तिरंगा फहराया था. इसके बाद यहां हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया जाता है. इसे भी पढ़ें- ">https://lagatar.in/gst-collection-up-13percent-in-december-crosses-129-lakh-crore/">दिसंबर 2021 में जीएसटी कलेक्शन 13 फीसदी बढ़ा, 1.29 लाख करोड़ रुपये के पार [wpse_comments_template]

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