Ranchi: नववर्ष के पहले दिन रांची के पहाड़ी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. आस्था ऐसी की 400 सीढ़ियां भी लोग आराम से चढ़ते दिखे. करीब साढ़े तीन सौ फीट की ऊंचाई से राजधानी रांची का नजारा लोगों को आकर्षित करता है. लोग सुबह से ही कतारबद्ध होकर पहाड़ी मंदिर में पूजा करने पहुंचने लगे थे. शाम होते ही जगमग लाइट्स के बीच भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने पहुंचते दिखे.
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कभी फांसी टोंगरी के नाम से जाना जाता था पहाड़ी
पहाड़ी मंदिर का प्राचीन नाम तिरिबुरु था. अंग्रेजी शासन के दौरान इसका नाम हैंगिंग गैरी हुआ. पहाड़ी मंदिर स्वतंत्रता पूर्व फांसी टोंगरी के नाम से भी जाना जाता था. दरअसल, यहां अंग्रेज क्रांतिकारियों को फांसी दिया करते थे. स्वतंत्रता सेनानी कृष्ण चंद्र दास ने आजादी के बाद यहां पहली बार तिरंगा फहराया था. इसके बाद यहां हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया जाता है.
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