Ranchi : राजधानी रांची में झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित भव्य जतरा मेला का शुभारंभ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया. इस अवसर पर अल्बर्ट एक्का चौक से लेकर शहीद चौक और बिरसा समाधि स्थल तक झारखंड की परंपराओं, लोक-संस्कृति और जनजातीय गौरव की अनूठी झलक देखने को मिली. जतरा मेला की शुरुआत रांची के राजेंद्र चौक से हुई, जहां सुबह से ही हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. झारखंड की 32 जनजातियों की कला, नृत्य, वाद्ययंत्र और पारंपरिक परिधानों की भव्य प्रदर्शनी ने राजधानी की सड़कों को एक उत्सव स्थल में बदल दिया.
4000 कलाकारों की प्रस्तुति
इस भव्य जतरा मेला में लगभग 4000 कलाकार शामिल हुए हैं, जिनमें पुरुलिया छऊ, मुंडा सोहराय नृत्य, संथाली डांस, हो जनजाति का करमा, असुर ढुमकुश, उरांव का झूमर और अन्य अनेक पारंपरिक प्रस्तुतियों ने लोगों का मन मोह लिया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अल्बर्ट एक्का चौक पर झारखंड जतरा मेला में पहुंचकर सभी कलाकारों का उत्साह बढ़ाया. इसके बाद वे जुलूस के साथ अल्बर्ट एक्का चौक से शहीद चौक तक पैदल चले और पारंपरिक मांदर बजाकर कलाकारों के साथ ताल मिलाते दिखे.

हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा
जतरा मेला का एक विशेष आकर्षण रहा 'हेलिकॉप्टर से की गई पुष्प वर्षा', जिसने पूरे आयोजन को और भव्य व अद्वितीय बना दिया. पुष्प वर्षा के दौरान भीड़ ने कलाकारों का उत्साहवर्द्धन करते हुए जमकर तालियां बजाईं. कार्यक्रम का समापन बिरसा मुंडा समाधि स्थल पर किया गया. जहां सभी जनजातियों की सांस्कृतिक झांकियां और समूहों की अंतिम प्रस्तुति हुई. झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित यह जतरा मेला राज्य की सांस्कृतिक विरासत, जनजातीय पहचान और सामाजिक विविधता का बेहतरीन प्रदर्शन है, जिसने राजधानी में उत्साह का एक नया रंग भर दिया है.

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