Khunti: मुंडा सभा केन्द्रीय समिति रांची एवं पोसेया ग्रामसभा के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को पोसेया ग्राम स्थित गंडू सरमाली (गंडू सरजोम) में वार्षिक ऐतिहासिक मेला सह नृत्य संगीत एवं फ़ुटबॉल प्रतियोगिता का कार्यक्रम हुआ. इसमें मुख्य अतिथि कल्याण मंत्री चमरा लिंडा शामिल हुए. इससे पहले गंडू सरमाली (गंडू सरजोम) ऐतिहासिक स्थल पर जाकर 12 पड़हा राजाओं की यादगारी में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई. उन्होंने कहा कि झारखंड में सबसे पहले मुंडा समाज के लोग लोग ही आए. इसके बाद उरांव खड़िया समेत अन्य जनजाति आए.
चमरा ने कहा कि आदिवासी समाज को बचाना है, संस्कृति को बचाना है तो पुरखों की पड़हा व्यवस्था को बचाना होगा. सरकार ने झारखंड के सभी आदिवासी समाज के सामाजिक, सांस्कृतिक, भाषा साहित्य के विकास के लिए एवं उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए मुझे जिम्मेवारी दी है. अगले साल इस स्थल पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. नृत्य संगीत प्रतियोगिता का पुरस्कार में प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपये, दूसरा पुरस्कार 50 हज़ार और तीसरा पुरस्कार 25 हज़ार रुपये रखा जाएगा.
पारंपरिक व्यवस्था को समझने की जरूरत
चमरा ने कहा कि पारंपरिक व्यवस्थाओं को समझना होगा और उसके अनुसार चलना होगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में सबसे पहले मुण्डाओं का शासन तंत्र पड़हा वयवस्था से चलता था. उन्होंने घोषणा किया कि खूंटी जिला के पोसेया ग्राम स्थित गंडू सरमाली ऐतिहासिक स्थल को मुण्डा सांस्कृतिक केन्द्र बनाया जाएगा. मौके पर विधायक राम सूर्या मुण्डा, मुण्डा सभा के नवीन मुण्डु, अध्यक्ष, बिलकन डांग, महासचिव, धनिक गुड़िया अधिवक्ता, डॉ सिजरेन सूरीन, सुभाष कोनगाड़ी एवं फिलिप सोय समेत अन्य मौजूद थे.
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