Bermingham : कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में पहली बार महिला क्रिकेट के फाइनलिस्ट की तस्वीर साफ हो गई है. भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने गेम्स के फाइनल में जगह बनाकर इतिहास रच दिया है. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने मेजबान इंग्लैंड को पहले सेमीफाइनल में 4 रन के करीबी अंतर से हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की. साथ ही पक्का किया कॉमनवेल्थ गेम्स में क्रिकेट का पहला मेडल. स्टार ओपनर स्मृति मांधना के धमाकेदार अर्धशतक और जेमिमा रॉड्रिग्ज की आखिरी ओवरों में तेजतर्रार पारी के दम पर भारत ने इंग्लैंड को 165 रनों का लक्ष्य दिया था.
भारतीय टीम के लिए पहला मौका
इससे पहले क्रिकेट आखिरी बार 1998 कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल हुआ था, जिसमें पुरुष भारतीय टीम ने हिस्सा लिया था. उस दौरान भारतीय टीम फाइनल में भी नहीं पहुंच पाई थी. 1998 के कॉमनवेल्थ गेम्स में साउथ अफ्रीकी टीम गोल्ड मेडल विजेता बनी थी. इसके अलावा सिल्वर ऑस्ट्रेलिया और ब्रॉन्ज न्यूजीलैंड की टीम ने जीता था.
स्मृति मंधाना की तूफानी फिफ्टी
टीम इंडिया ने टॉस जीतकर जब बल्लेबाजी चुनी तो हर किसी को उम्मीद थी कि स्मृति मंधाना टीम को तेज शुरुआत दिलाएं. मंधाना ने शेफाली वर्मा के साथ मिलकर इस काम को बखूबी अंजाम दिया. उन्होंने 23 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया, जो इस टूर्नामेंट की फास्टेस्ट फिफ्टी है. उन्होंने 61 रन की पारी खेली. भारत की जीत में मंधाना ने अहम भूमिका अदा की.
जेमिमा की फिनिशिंग
टीम इंडिया के पहला झटका जैसे ही लगा तो जेमिमा रॉड्रिग्स को मैदान पर आना पड़ा. उन्होंने स्मृति मंधाना के साथ महज एक रन बनाया और मंधाना आउट हो गईं. इसके बाद कप्तान के साथ उन्होंने पारी को बुना, लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर भी आउट हो गईं. इसके बाद उन्होंने दीप्ति शर्मा के साथ 50 से ज्यादा रन की साझेदारी की और आखिरी में तेजी से रन बनाए. वे 44 रन बनाकर नाबाद लौटीं. इस तरह बल्लेबाजी में भारत के लिए जीत की नींव उन्होंने रखी.
दीप्ति शर्मा का ऑलराउंड प्रदर्शन
टीम इंडिया को ऐतिहासिक जीत दिलाने में दीप्ति शर्मा का अहम योगदान रहा, जिन्होंने पहले बल्ले से और फिर गेंद से टीम के लिए अहम भूमिका निभाई. दीप्ति ने 20 गेंदों में 22 रन बनाए थे. वहीं, जब गेंदबाजी की बारी आई तो उन्होंने 4 ओवर में सिर्फ 18 रन दिए और एक विकेट लिया. ये विकेट सोफिया डंकली का था, जो खतरनाक मूड में नजर आ रही थीं. वहीं, 17वां ओवर उन्होंने फेंका तो सिर्फ 3 रन दिए और इंग्लैंड की टीम को दबाव में लाने का काम किया.
स्नेह राणा की बॉलिंग
पिछले कुछ समय से टीम के लिए दमदार प्रदर्शन करती आ रहीं स्नेह राणा बल्लेबाजी में तो वे नॉन स्ट्राइक पर खड़ी रहीं, लेकिन उन्होंने गेंदबाजी में जो कमाल दिखाया, को तारीफ के काबिल था, क्योंकि उन्ही की गेंदबाजी की बदौलत टीम को जीत मिली, क्योंकि एक समय ऐसा लग रहा था कि इंग्लैंड की टीम आसानी से जीत जाएगी. उन्होंने 4 ओवर में 28 रन दिए और 2 अहम विकेट चटकाए. इसके अलावा उन्होंने 18वें ओवर में 3 रन दिए और इंग्लैंड पर दबाव बनाया.
टीम इंडिया की फील्डिंग
इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में खेले गए इस मैच में टीम इंडिया ने कुछ मौकों पर खराब फील्डिंग जरूर की, लेकिन अहम मौके भुनाने में सफलता भी हासिल की. इसी के दम पर टीम इंडिया को जीत मिली, क्योंकि इंग्लैंड के 6 विकेट गिरे, जिनमें से 3 विकेट रन आउट के रूप में आए. इस तरह टीम इंडिया फील्डिंग की वजह से भी इंग्लैंड के खिलाफ बढ़त बनाने में सफल रही.
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