Kolkata : पश्चिम बंगाल और ओडिशा (बंगाल की खाड़ी) में 2023 के पहले चक्रवात मोका(Mocha) को लेकर 7 से 11 मई तक अलर्ट जारी किया गया है. साल के पहले साइक्लोन मोका को लेकर आईएमडी (India Meteorological Department) ने चेतावनी जारी कर दी है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मोका चक्रवात के तूफान में बदलने के आसार हैं. आईएमडी ने बंगाल की खाड़ी के आसपास के मछुआरों समेत नाविकों को वहां से हटने के आदेश दिये हैं. आईएमडी डीजी मृत्युंजय महापात्रा ने मछुआरों 7 मई से समुद्र में न जाने की हिदायत दी है. हालांकि ओडिशा तट के लिए अभी कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया. क्योंकि संभावित असर के बारे में कोई पूर्वानुमान नहीं है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
6 मई को बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होगा
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार चक्रवात मोका का असर पूर्वी भारत से लेकर बांग्लादेश और म्यामांर तक हो सकता है. मृत्युंजय महापात्रा के अनुसार 6 मई को दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो सकता है. इस कारण अगले दिन 7 मई को उसी क्षेत्र में एक कम दबाव वाला क्षेत्र बन सकता है. इस क्रम में बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक दबाव केंद्रित होने की आशंका बलवती है .इसके खाड़ी के मध्य की ओर उत्तर दिशा की ओर बढ़ते हुए 9 मई को चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है.
लैंडफॉल को लेकर आईएमडी ने जानकारी साझा की
आईएमडी द्वारा लैंडफॉल को लेकर जानकारी साझा की गयी है. कहा गया है कि अभी भारत के तट पर लैंडफॉल यानी तूफान के जमीन के ऊपर से गुजरने को लेकर पहले से कुछ कहा नहीं जा सकता. जानकारी दी गयी है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात का असर हवाओं की गति बढ़ा सकता है. 7 मई को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व और आसपास के क्षेत्रों में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है. हवा की गति बढ़कर 50 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे भी होने की आशंका है.
चक्रवात का नाम मोका क्यों पड़ा ?
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के माध्यम से चक्रवात का नामकरण किया जाता है. इसमें संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक आयोग (ESCAP) के सदस्य देशों का दखल होता है. यमन ने चक्रवात का नाम मोका रखने का सुझाव दिया था. मोका लालसागर तट पर एक बंदरगाह शहर है इस पर मुहर लगाने के बाद चक्रवात का नाम मोका रखा गया.
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