कच्चे तेल के दाम घटने पर ईंधनों के दाम ना के बराबर घटते
आपको बता दें कि देशभर में कच्चे तेल की कीमत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जिसके कारण पेट्रोल-डीजल के दामों में भी इजाफा हो रहा है. जब कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है तो सरकारी तेल कंपनियां तुरंत पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा देती हैं. लेकिन कच्चे तेल के दाम घटने पर सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम ना के बराबर घटाते हैं. मालूम हो कि अगर सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक रुपया टैक्स बढ़ाती है तो सरकार का शुद्ध मुनाफा 13 हजार करोड़ रुपये होता है. टैक्स बढ़े तो सरकार कमाती है. कच्चा तेल सस्ता हो तो पेट्रोलियम कंपनियां कमाते हैं. इसे भी पढ़े : देवघर">https://lagatar.in/deoghar-unknown-criminals-shot-the-young-man-early-morning-referred-to-durgapur-in-critical-condition/">देवघर: अज्ञात अपराधियों ने युवक को अहले सुबह मारी गोली, गंभीर अवस्था में दुर्गापुर रेफर
मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में पेट्रोल 110 के पार
पिछले 9 दिनों में तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दामों में चार बार इजाफा किया. डीजल की कीमतों में आठ बार बढ़ोतरी हुई है. इसी के साथ 9 दिनों में डीजल 1 रुपये 85 पैसे महंगा हो गया. वहीं पेट्रोल के दाम 1 रुपये बढ़ गये हैं. रिकॉर्ड बढ़त के कारण मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में पेट्रोल 110 रुपये को क्रॉस कर चुकी है. वहीं तेलंगाना, कर्नाटक, बिहार, बंगाल, जम्मू कश्मीर, दिल्ली एनसीआर और पंजाब सहित अन्य शहरों में पेट्रोल ने 100 के लेवल को पार कर लिया है.कच्चे तेल के दाम बढ़े तो तुरंत पेट्रोल-डीजल के बढ़े दाम
गौरतलब है जब फरवरी में कच्चे तेल की कीमत 6.42 डॉलर प्रति बैरल बढ़ी, तो तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दामों में 5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की. अप्रैल में जब कच्चे तेल के दाम 1.33 डॉलर प्रति बैरल घटा तो कंपनियों ने आम जनता को केवल 16 पैसे की राहत दी. इसे भी पढ़े : रामगढ़">https://lagatar.in/ramgarh-forest-guards-body-recovered-from-the-forest-departments-room-police-is-investigating-the-matter/">रामगढ़: वन विभाग के कमरे से वनरक्षी का शव बरामद, पुलिस मामले की जांच में जुटी
कच्चा तेल हुआ सस्ता तो ईंधनों के दाम घटाने में सुस्ती
जब जुलाई में कच्चे तेल के दाम 1.56 डॉलर प्रति बैरल बढ़ा तो तेल कंपनियों ने ईंधनों के दामों में प्रति लीटर 3.03 रुपये का इजाफा किया. अगस्त माह जब कच्चे तेल के दाम 3.73 डॉलर प्रति बैरल कम हुआ तो तेल कंपनियों ने मात्र 35 पैसे दाम घटाये.ईंधनों के दाम 65 पैसे घटाने में तेल कंपनियों ने लगा दिये 50 दिन
जानकारी के मुताबिक, अगर कच्चे तेल की कीमत में एक डॉलर की कमी होती है तो तेल कंपनियों को 8 हजार करोड़ की बचत होती है. इसके बावजूद तेल के दाम घटने पर तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने में सुस्ती करते हैं. हालत ऐसी है कि जब इंटरनेशनल मार्केट में कच्चा तेल सस्ता हुआ तो ईंधनों के दामों में 35 पैसे राहत देने में कंपनियों ने 50 दिन लगा दिये. दूसरी तरफ जब कच्चा तेल महंगा हुआ तो कंपनियों ने 3 दिन के अंदर पेट्रोल के दाम में 75 पैसे की बढ़ोतरी कर दी. इसे भी पढ़े : पीएम">https://lagatar.in/pm-modi-termed-the-protest-against-agricultural-laws-as-a-political-fraud-attacked-the-opposition-parties/">पीएममोदी ने कृषि कानूनों के विरोध को राजनीतिक धोखाधड़ी करार दिया, विपक्षी दलों पर हल्ला बोला
सिलेंडर ने भी बिगाड़ा घर का बजट
आपको बता दें कि 1 अक्टूबर को एलपीजी गैस के दाम नहीं बढ़े. लेकिन कमर्शियल सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी की गयी. जिसके कारण अब रेस्टोरेंट, ढाबा और होटल में खाना खाना महंगा पड़ेगा. इसके साथ सरकार ने नैचुरल गैस के दामों में 62 फीसदी की बढोतरी का एलान किया. जिसके बाद सीएनजी और पीएनजी के दाम बढ़ गये.9 महीने में 190 रुपये महंगा हुआ सिलेंडर
जनवरी 2021 से लेकर अबतक घरेलू गैस की कीमतों में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है. 1 जनवरी को सिलेंडर के दाम 694 रुपये थे. जो 1 अक्टूबर को बढ़कर 884 रुपये हो गयी. 9 महीने में सिलेंडर 190 रुपये महंगा हो गया.
7 साल में 474 रुपये बढ़े सिलेंडर के दाम और सब्सिडी भी हुई खत्म
17 अगस्त से 1 सितंबर के बीच सिलेंडर के दामों में रिकॉर्ड इजाफा हुआ. सरकारी तेल कंपनियों ने 15 दिन में एलपीजी गैस के दामों में 50 रुपये की बढोतरी की. वहीं पिछले 7 साल की बात करें 1 मार्च 2014 को घरेलू गैस की कीमत 410 रुपये थी. जो 2021 में बढ़कर 884 रुपये हो गयी है. इस तरह 7 साल में सिलेंडर के दामों में 474 रुपये का इजाफा हुआ है. घरेलू गैस के दाम दोगुना से भी अधिक बढ़े हैं. पहले लोगों को सिलेंडर में सब्सिडी भी मिलती थी. लेकिन अब तो सिलेंडर भी महंगा हो गया और सब्सिडी भी नहीं मिलती है. इसे भी पढ़े : Birthday">https://lagatar.in/birthday-special-asha-parekh-was-the-most-expensive-actress-of-the-60-70s-did-not-marry-because-of-failure-in-love/">BirthdaySpecial : 60-70 दशक की सबसे महंगी अभिनेत्री थीं आशा पारेख, प्रेम में असफल होने के कारण नहीं की शादी [wpse_comments_template]
Leave a Comment