Hazaribag : दादा रे दादा करम कटी दे…करम त्योहार पर भाइयों ने मांदर बजाया, तो बहनें नागपुरी नृत्य करते हुए थिरक उठीं. इसके साथ ही पूरी प्रकृति झूम उठी और साथ में खासकर महिलाएं करम का झूमर गाते हुए करम डाली के बने अखरा में रातभर झूमती रहीं. उल्लास, उत्साह और उमंग के साथ करम डाली के चारों ओर झारखंड का यह महोत्सव हजारीबाग में भी खूब दिखा. शहर से लेकर गांव तक करम पर्व की धूम रही.
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बहनों ने भाईयों की सलामती की कामना की
बहनों ने करम देव की पूजा कर भाइयों की सुख-समृद्धि और सलामती की कामना की. करम और चौहट गीत गाकर भाइयों के लिए वरदान मांगी. इधर कई लोगों ने भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी को व्रत भी रखा. ऐसी आस्था है कि इससे आगे भी अच्छे कर्म करेंगे. चरही के आनंद मरांडी ने बताया कि पूजा के बाद रात भर अखाड़ा में नृत्य संगीत का दौर चलता रहा. मंगलवार की सुबह करम डाली का विसर्जन किया जाएगा. आदिवासी बाहुल्य इलाके मरियम टोली, सरना टोली, संत अन्ना छात्रावास, कोर्रा, लाखे समेत चरही और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में करमा गीत और नृत्य परवान पर रहा.
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आदिवासी संस्कृति की झलक दिखी
चुरचू प्रखंड के विभिन्न गांव-मोहल्लों में करमा का प्रकृति पर्व मनाया गया. इसमें आदिवासियों की सभ्यता, संस्कृति और इनकी परंपरा देखने को मिली. फुसरी में बीटका मांझी गांव के मांझी हाड़ाम जेठवा मांझी नायके, लूदु मांझी जोगवा के अलावा ढेना मांझी मेहीलाल टुडू, तालो मुर्मू सहित कई लोग शामिल रहे.
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