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शाह की टिप्पणी का दलित अधिकार मंच ने किया विरोध
दलित अधिकार मंच ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा आंबेडकर को लेकर दिये गये हालिया टिप्पणी का विरोध किया. मंच का कहना है कि बाबा साहेब ने दलितों को जितनी शक्तियां दी थीं, उनका सही इस्तेमाल किया होता, तो आज अनुसूचित जातियां समाज हाशिये पर नहीं होतीं. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां संविधान की सुरक्षा नहीं कर सकतीं. कांग्रेस ने करीब 50-55 वर्षों तक देश का संचालन किया, लेकिन अनुसूचित जातियों और दलित समुदायों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये. उन्होंने कहा कि दस वर्षों से अनुसुचित जातियों को हिंदुत्व का पाठ पढ़कर समाज को तोड़ने का प्रयास हो रहा है. आज भी अनुसूचित जातियों को उनके वोटों के माध्यम से चुनावी राजनीति का हिस्सा बनाया जा रहा है, जबकि उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थिति प्राप्त नहीं हो पायी है.झामुमो सरकार में अनुसूचित जाति आयोग का गठन नहीं हुआ
दलित अधिकार मंच ने कहा कि झामुमो के शासन काल में अनुसूचित जाति आयोग का गठन नहीं किया गया, जिससे दलित परिवार के लोगों पर हो रहे शोषण और अत्याचार पर काबू पाने में कठिनाई हो रही है. मौके पर महेंद्र पाठक, सोनिया देवी, पशुपति कोल, आंध्र प्रदेश से टी राजा, मदन भुइया, सुरेश भुइया, छाया कोल, अजय कुमार समेत अन्य लोग उपस्थित थे.दलित अधिकार मंच की ये हैं मांगें
- अंबेडकर आवास विद्यालय की स्थापना की जाये.
- रांची में अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग सेंटर की व्यवस्था की जाये.
- सहकारिता विकास निगम लिमिटेड में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत अध्यक्ष की नियुक्ति की जाये.
- अत्याचार और उत्पीड़न को रोकने के लिए एसपीजी ट्रायल कोर्ट की स्थापना की जाये.
- भूमिहीन लोगों को 10 डिसमिल भूमि उपलब्ध कराई जाये.
- खेती के लिए दो एकड़ भूमि का बंदोबस्त कराया जाये.

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