भाजपा फिर अन्नपूर्णा पर दांव खेलने को तैयार माले से राजकुमार यादव, झामुमो से जयप्रकाश वर्मा हैं तैयार कांग्रेस ने भी कर दी कोडरमा सीट पर दावेदारी कोडरमा के 6 विधानसभा में 4 गिरिडीह जिले में 6 में से तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा Satya Sharan Mishra Ranchi : कोडरमा लोकसभा सीट पर पार्टी और प्रत्याशियों ने 2024 की चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. भाजपा इस बार भी यहां केंद्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद अन्नपूर्णा देवी पर दांव खेलने के लिए तैयार है. भाकपा माले से पूर्व विधायक राजकुमार यादव भी चुनावी तैयारी में लग गये हैं. वहीं झामुमो से पूर्व विधायक प्रो. जयप्रकाश वर्मा भी तैयारी कर रहे हैं. कांग्रेस ने भी कोडरमा सीट पर दावा किया है, लेकिन गठबंधन में सीट बंटवारा के वक्त जिसे यह सीट मिलेगी, वही यहां से चुनाव लड़ेगा. वैसे यहां सबसे मजबूत दावेदारी माले की है. राजकुमार यादव पिछला तीन लोकसभा चुनाव यहां से लड़ चुके हैं. 2009 और 14 में दूसरे नंबर रहे, जबकि 2019 में वे तीसरे नंबर पर रहे थे. कोडरमा में इस बार भाजपा की राह 2019 से मुकाबले आसान और विपक्षी पार्टियों की राह पिछली बार से कठिन दिख रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि बाबूलाल मरांडी इस बार भाजपा में हैं. बाबूलाल की कोडरमा में अच्छी पकड़ है. 2004, 2006 और 2009 में यहां से जीतकर सांसद भी बने हैं. 2014 के चुनाव में भी उनकी पार्टी झाविमो यहां तीसरे नंबर पर थी. 2019 के चुनाव में बाबूलाल मरांडी झाविमो से लड़े थे, लेकिन मोदी लहर में वे राजद से आईं अन्नपूर्णा देवी से बुरी तरह हार गये थे. बाबूलाल के भाजपा में होने के कारण पार्टी इस बार वहां दोगुनी मजबूती के साथ उतरेगी.
1977 से 6 बार चुनाव जीत चुकी है भाजपा
कोडरमा में लोकसभा का पहला चुनाव 1977 में हुआ था. जनता पार्टी के उम्मीदवार आरएलपी वर्मा लगातार दो बार यहां से जीते थे. इसके बाद 1984 में कांग्रेस ने यहां कब्जा जमाया. 1989 में भाजपा यहां पहली बार जीती. इसके बाद 2019 तक भाजपा लगातार 6 बार यहां से चुनाव जीती. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सीटिंग सांसद रविंद्र राय का टिकट काटकर राजद नेत्री अन्नपूर्णा देवी को पार्टी में शामिल कराया. अन्नपूर्णा 753016 वोट लाकर रिकॉर्ड मत से जीतीं. कोडरमा से दो बार सांसद रहे बाबूलाल मरांडी अन्नपूर्णा से 455600 वोट से हारे. 2014 में भाजपा जहां 10 फीसदी वोट से जीती थी, अन्नपूर्णा ने उसे बढ़ाकर 37 फीसदी पहुंचा दिया. तीसरे नंबर पर भाकपा माले के राजकुमार यादव रहे थे. उन्हें 68207 वोट मिले थे, जबकि इससे पहले 2014 में राजकुमार यादव को 266756 वोट मिले थे. 6 में से तीन विधानसभा सीट भाजपा के कब्जे में
कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से तीन पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है. कोडरमा और जमुआ में 2019 में भाजपा ने चुनाव जीता था. धनवार में बाबूलाल मरांडी 2019 में झाविमो से चुनाव जीतकर विधायक बने थे. फिलहाल भाजपा में हैं. वहीं बगोदर सीट भाकपा माले के कब्जे में है. बरकट्ठा में निर्दलीय विधायक है और गांडेय में झामुमो का कब्जा है. इस तरह विधानसभा सीटों के हिसाब से देखा जाए तो भाजपा मजबूत स्थिति में है. कोडरमा पर एक नजर
कोडरमा लोकसभा सीट 1977 में अस्तित्व में आया था. कोडरमा को झारखंड का प्रवेश द्वार कहा जाता है. यहां से बिहार की सीमा शुरू होती है. यह जिला अभ्रक (माइका) की खदानों के लिए प्रसिद्ध है. विश्व के 90% माइका का उत्पादन यहीं से होता है. कोडरमा विधानसभा क्षेत्र तीन जिलों में फैला हुआ है. इसके 4 विधानसभा क्षेत्र गिरिडीह जिले में आते हैं, जबकि एक विधानसभा कोडरमा और एक हजारीबाग जिले में है. लोकसभा क्षेत्र की आबादी 2827801 है. इनमें 93.52 फीसदी ग्रामीण और 6.48 फीसदी शहरी जनसंख्या है. कोडरमा का मुख्य शहर झुमरी तिलैया है. 1994 में हजारीबाग से कटकर कोडरमा अलग जिला बना है. साल जीते (वोट) हारे(वोट) मार्जिन (वोट) 2019 अन्नपूर्णा देवी (भाजपा) बाबूलाल मरांडी (झाविमो) 37% वोट से जीतीं 753016 297416 455600 से हारे 2014 रविंद्र राय (भाजपा) राजकुमार यादव (माले) 10% वोट से जीते 365410 266756 98654 वोट से हारे 2009 बाबूलाल मरांडी (झाविमो) राजकुमार यादव (माले) 7% वोट से जीते 199462 150942 48520 वोट से हारे 2004 बाबूलाल मरांडी (भाजपा) चंपा वर्मा (झामुमो) 18% वोट से जीते 366656 211712 154944 वोट से हारे कोडरमा में कब कौन जीते
वर्ष सांसद पार्टी 1977 आरएलपी वर्मा जनता पार्टी 1980 आरएलपी वर्मा जनता पार्टी 1984 तिलकधारी सिंह कांग्रेस 1989 आरएलपी वर्मा भाजपा 1991 मुमताज अंसारी जनता दल 1996 आरएलपी वर्मा भाजपा 1998 आरएलपी वर्मा भाजपा 1999 तिलकधारी सिंह कांग्रेस 2004 बाबूलाल मरांडी भाजपा 2006 बाबूलाल मरांडी निर्दलीय 2009 बाबूलाल मरांडी झाविमो 2014 रवीन्द्र राय भाजपा
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