कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की संयुक्त किसान मोर्चा ट्रैक्टर रैली
किसानों की भीड़ में भी मरकज जैसे हालात न पैदा हो जायें
सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों की भीड़ में भी मरकज जैसे हालात न पैदा हो जायें. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को इसका जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. खबरों के अनुसार तीन जजों की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किया कि ठीक ऐसी ही समस्या (मरकज वाली) किसानों के प्रदर्शन के दौरान भी पैदा हो सकती है. हमें नहीं पता कि किसानों को कोरोना से बचाया जा रहा है या नहीं. इसे भी पढ़े : CM">https://lagatar.in/bhairav-singh-the-main-accused-in-the-attack-on-cms-convoy-surrendered-sent-to-judicial-custody/15957/">CMके काफिले पर हमले के मुख्य आरोपी भैरव सिंह ने किया सरेंडर, भेजा गया न्यायिक हिरासत में
जमात वाले मामले की जांच अभी तक चल रही है
सरकार से जवाब तलब किया कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए आपने क्या दिशानिर्देश जारी किये हैं. सरकार की ओर से तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि जमात वाले मामले की जांच अभी तक चल रही है. उन्होंने ज्यादा संख्या में लोगों के इकट्ठा होने को लेकर कोरोना गाइडलाइंस का जिक्र करते हुए दो सप्ताह के समय की गुहार लगायी. जान लें कि सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर की वकील सुप्रिया पंडिता दवारा जमात मामले की सीबीआई जांच की मांग के लिए दायर जनहित याचिका के दौरान यह पूछा. याचिका में जमात जैसे मामलों को आगे से रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है ताकि इससे आम जनता की सेहत को नुकसान न हो. पिछले साल कोरोना की वजह से देशभर में लगे लॉकडाउन के बाद दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज पर हजारों की संख्या में लोग पाए गए थे. मरकज पर देश-विदेश से आये 2000 के लगभग लोग जमा थे, जो बाद में वहां से निकलकर देश के अलग-अलग जिलों में जा छिपे. इसे भी पढ़े : जाने">https://lagatar.in/know-on-what-basis-police-made-72-people-accused-in-stopping-the-cms-carcade/16021/">जानेकिस आधार पर CM के कारकेड को रोकने के मामले में 72 लोगों को पुलिस ने बनाया आरोपी

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