Dhanbad: कोरोना वायरस आज पूरे देश मे कहर बरपा रहा है. इसे लेकर कई राज्यों में लॉकडाउन लगाने के साथ-साथ कई एहतियात बरते जा रहे हैं. ताकि बढ़ते कोरोना के संक्रमण पर अंकुश लगाया जा सके. झारखंड सरकार ने भी 22 अप्रेल से 29 अप्रेल तक स्वास्थ सुरक्षा सप्ताह के तहत लॉकडाउन लगा दिया है. लोग अपने घरों में सुरक्षित रह कर संक्रमण को फैलने से रोकने में सरकार का सहयोग करेंगे.
परेशनी में हैं दिहाड़ी मजदूर
अब इस लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरों की परेशानी बढ़ गई है. मार्च 2020 से ही कोरोना महामारी ने दिहाड़ी मजदूरों की कमर तोड़ दी है. मजदूरों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा कर हो गयी है. इस भयानक स्थिति में लोगों ने दिहाड़ी मजदूरों से काम लेना बंद कर दिया था. इससे दिहाड़ी मजदूरों की स्थिति काफी दैनीय हो गयी है. 2021 में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो ही रही थी कि झारखंड में हुए लॉक डाउन से धनबाद के दिहाड़ी मजदूरों को काम मिलना बंद हो गया है.
जिले के हीरक रोड पर बिनोद बिहारी चौक के समीप खड़े दर्जनों मजदुर का भी यही कहना है. कई मजदुर बरवड्डा और टुंडी से काम की तलाश में आये थे. लेकिन यहा से उन्हें निराशा ही हाथ लगी. सभी दिहाड़ी मजदुरों ने सरकार से मदद की अपील की है.
भूखों मरने की नौबत आ गयी है
हजारों ऐसे मजदुर हैं जो जिले के सुदूर इलाके से मजदूरी की तलाश में शहर आते हैं. और मायुस होकर अपने घर वापस लौट जाते हैं. इन मजदूरों की हालत अब भूखों मरने वाली हो गयी है.