क्रशरों पर प्रदूषण फैलाने है आरोप
जिला प्रशासन को लिखित आवेदन मिला था कि क्षेत्र के अधिकांश क्रशर नदी-नाला से सटे हुए हैं. जिसके कारण पानी दूषित हो रहा है. पानी दूषित होने के कारण आम इंसान के साथ मवेशियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं क्रशरों से निकलने वाले डस्ट से आसपास के गांव में रहने वाले लोगों को सांस संबंधी बीमारी हो रही है. लोगों की शिकायत के बाद बुधवार को डीसी एनजीटी की टीम के साथ क्रशरों की जांच करने पहुंची थी. जांच अभियान में पतरातू सीओ शिव शंकर पांडेय, माइनिंग इंस्पेक्टर, डीएफओ, रेंजर समेत कई अधिकारी शामिल थे.अंजना पवार को धनंजय कुमार पुटूस ने मजदूरों की समस्याओं से कराया अवगत
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अंजना पवार को अखिल भारतीय मजदूर संगठन के जिला अध्यक्ष धनंजय कुमार पुटूस ने मजदूरों की समस्याओं से अवगत कराया. पुटूस ने मजदूरों की समस्याओं को दूर कराने का आग्रह किया. पुटूस ने मजदूरों के हित में इन बातों से कराया अवगत- - नगर परिषद में काम करने वाले सफाई कर्मियों को करोना काल में काम करने के लिए ₹6000 प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई थी. जिसमें ₹2000 दिया गया था और 4000 अभी तक नहीं दिया गया है, उसे अविलंब दिया जाए.
- - किसी भी विभाग में पांच वर्षों से अधिक समय से कार्य करने वाले सफाई कर्मियों को स्थायी किया जाए.
- - मजदूरों को मिलने वाले न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाया जाए.
- - सफाईकर्मियों को उनके घर के आस-पास ड्यूटी दिया जाए.
- - सभी मजदूरों का लेबर कार्ड बनवाया जाए.
- - छावनी परिषद के खत्म होने के बाद वहां कार्यरत सफाईकर्मियों को कहां एडजस्ट किया जाएगा, इसको लेकर असमंजस की स्थित बनी हुई है.
- - सभी विभागों में सफाईकर्मियों की बहाली निकाली जाए.
- - सफाईकर्मियों का ड्यूटी के दौरान मौत होने पर उनके परिजनों को 10 लाख का मुआवजा देने का प्रावधान किया जाए.
अधिकारियों की लापरवाही से किसी भी पंचायत में नहीं खुला है खाता : लव कुमार महतो
alt="लव कुमार महतो " width="150" height="150" />रामगढ़ के दोतल्ला पंचायत के पूर्व मुखिया सह जैव विविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्ष लव कुमार महतो ने बुधवार को कहा कि उक्त समिति का गठन वर्ष 2018 में किया गया था. साथ ही विगत वर्ष विभिन्न सेक्टरों में कार्यशाला का आयोजन कर प्रशिक्षण दिया गया. लेकिन वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण अभी तक किसी भी पंचायत का बैंक खाता नहीं खुल पाया है. जिसके कारण जैव विविधता का क्षरण की गति को नहीं रोका जा रहा है. इससे एक चौथाई प्रजातियों का अस्तित्व खतरे में है. वहीं कई विलुप्त होने की कगार पर हैं. उन्होंने कहा कि जिस वन विभाग को इसकी जिम्मेवारी दी गई है, वहीं पूर्ण रूप से लापरवाह है. इसे भी पढ़ें : गिरिडीह">https://lagatar.in/giridih-cm-gave-a-gift-of-785-crores-to-the-district-foundation-stone-inauguration-of-228-schemes/">गिरिडीह
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