Hazaribag : जिले के शेख भिखारी हॉस्पिटल में कथित तौर पर ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है. कोर्ट ने इस मामले में सरकार से रिपोर्ट की मांग की है. वहीं 9 दिन के जांच के बाद जिले के डीसी ने ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी के कथित मामले और घोर लापरवाही बरतने में दो कर्मी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हजारीबाग के लेखा प्रंबधक भोला शंकर गुप्ता व हॉस्पिटल के भंडारपाल शंभु शरण को तत्काल ट्रांसफर करने की अनुशंसा स्वास्थ्य विभाग से की थी. डीसी ने यह अनुशंसा बीते 25 मई को थी, ताकि उनके द्वारा जांच कार्य प्रभावित नहीं हो. डीसी के अनुशंसा के बाद विभाग ने अबतक केवल भंडारपाल को ही सस्पेंड किया गया है, लेकिन भोला शंकर गुप्ता अभी भी लेखपाल के पद पर कार्यरत हैं. जिले के सिविल सर्जन संजय जायसवाल ने भी इस बात की पुष्टि की है.
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भोला शंकर गुप्ता से मांगा गया था स्पष्टीकरण
बता दें कि डीसी की अनुसंशा के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक ने 26 मई को भोला शंकर गुप्ता से स्पष्टीकरण मांगा था. डीसी के रिपोर्ट को आधार बनाकर अभियान निदेशक ने कहा था कि ऑक्सीजन सिलेंडर मामले में उनके द्वारा घोर लापरवाही बरती गयी है. ऐसे में अगर 48 घंटे के अंदर वे अपना स्पष्टीकरण नहीं देते हैं, तो उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई कर संविदा रद्द कर दी जाएगी. भोला शंकर ने अपने पत्र के जवाब में कहा है कि उनपर लगाए गये आरोप पूरी तरह से निराधार है. ऐसे में लगाए गये सभी आरोपों से उन्हें मुक्त किया जाए. स्पष्टीकरण देने के बाद से ही भोला शंकर प्रसाद अभी भी लेखापाल के पद पर काम कर रहे हैं.
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सवाल का जवाब देर शाम तक नहीं मिला है
बता दें कि केवल रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी से बेचे जाने के मामले को लेकर झारखंड पुलिस के एक आला अधिकारी को हाईकोर्ट के समक्ष उपस्थित होना पड़ा था. वहीं जिले के जिस कर्मी पर घोर लापरवाही बरतने की बात डीसी हजारीबाग ने की है, उसका अभी भी काम करने से हॉस्पिटल में ही सवाल उठ रहे है. मामले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान (एनएचएम) झारखंड के अभियान निदेशक रविशकर शुक्ला से भी जानकारी लेने का प्रयास ‘लगातार न्यूज’ ने किया. उनसे बात भी हुई. उन्होंने कहा कि जो भी सवाल है, वे व्हाट्सअप पर लिख कर दें. ऐसा ही किया गया, लेकिन उनका जवाब देर शाम तक नहीं मिल पाया है.