Garhwa: गढ़वा प्रखंड के भंडरिया टोला में एक ही परिवार के दो लोगों की मौत कोरोना से हो गयी.मृतक चाचा और भतीजा थे. इनकी शव दो दिन तक पीपीई किट के अभाव में घर में ही पड़ा रहा. वहीं दो दिनों के अंदर चाचा और भतीजा की मौत से इलाके में हड़कंप मच गया है.
जानकारी के अनुसार, प्रखंड मुख्यालय के भीतर भंडरिया व जोगियामठ टोले में ज्यादातर लोग बीमार हैं. वहां हर घर में सर्दी, बुखार और खांसी के मरीज हैं. उनका न तो जांच हो रहा है, न ही समुचित इलाज. ग्रामीण झोला छाप डॉक्टर के भरोसे हैं. बीमार होने पर घर पर ही इलाज करा रहे हैं. जिला प्रशासन की ओर से अबतक मेडिकल कैंप नहीं लगाया गया है. मंगलवार को स्थानीय निवासी 42 वर्षीय दरोगा सिंह की मौत हो गयी. उनका अंतिम संस्कार कर परिवार अभी दुख से उबरा भी नहीं था कि उसके चाचा 65 वर्षीय बंधु सिंह की भी मौत हो गयी.
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अंतिम संस्कार के लिए डर से ग्रामीण नहीं आये आगे
कोरोना से मौत का संदेह होने की वजह से ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए नहीं आये. मृतक की महिला 30 घंटे शव के पास चुपचाप बैठी रही. स्थानीय लोगों ने उसकी जानकारी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी विजय किशोर रजक को दी. उनसे पीपीई किट की मांग की गयी. इसपर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन्होंने पीपीई देने से इनकार कर दिया.
पीपीई किट के इंतजार में शव करीब 30 घर में पड़ा रहा
पीपीई किट के इंतजार में शव करीब 30 घंटे तक घर में ही पड़ा रहा. पीपीई किट नहीं मिलने से लोगों में अस्पताल कर्मियों के प्रति कड़ी नाराजगी है. उसकी सूचना अंचलाधिकारी मदन महली को दी गयी. अंचलाधिकारी ने 27 मई तक छुट्टी में रहने की बात कहकर बीडीओ से संपर्क करने को कहा. घटना की सूचना पाकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह नितेश कुमार, समाजसेवी सतीश सिन्हा, देवानंद कुमार व संजय केशरी के संयुक्त प्रयास से लोग अंतिम संस्कार किया गया.
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