Muzaffarpur: जेल में बंद चीनी नागरिक ली जियाकि की मंगलवार की इलाज के दौरान मौत हो गई. उसकी उम्र साठ साल थी. मिली जानकारी के अनुसार जेल में घायल होने के बाद उसे इलाज के लिए एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के क्रम में संदिग्ध हालत में उसकी मौत हो गई. वह चीन के शेडोंग प्रांत के कंगशन काऊंटी शहर के डेजोंग गांव निवासी ली निंगडोंग लाओ का पुत्र था. बताया जाता है कि जियाकी को ब्रह्मपुरा पुलिस ने पांच जून को लक्ष्मी चौक के पास से बिना वीजा के भारत में गिरफ्तार किया था. दस्तावेज नहीं होने पर पुलिस ने प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी भानु प्रताप के कोर्ट में पेश किया गया. जहां से छह जून को उसे जेल में भेजा गया था.
वह जेल के हॉस्पिटल वार्ड में था
वह जेल के हॉस्पिटल वार्ड में था. सात जून को भी वह अपने चश्मे को तोड़कर शीशा के टुकड़े से खुद को घायल कर लिया था. प्रभारी कारा चिकित्सा पदाधिकारी ने उसे इलाज के लिए एसकेएमसीएच ले जाने के लिए कहा था. शाम करीब सात बजे से जियाकि एसकेएमसीएच में भर्ती था. उसके प्राइवेट पार्ट, गर्दन और बांह पर जख्म थे. पुलिस की सुरक्षा में एसकेएमसीएच के डॉक्टर उसका इलाज कर रहे थे. सोमवार रात तक उसकी हालत स्थिर थी. डॉक्टरों ने बताया कि उसके हालात में सुधार हो रहा था. लेकिन देर रात अचानक वह कोमा में चला गया और मंगलवार सुबह उसकी मौत हो गई. जेल अधीक्षक बृजेश मेहता ने कैद की मौत की पुष्टि की. मामले की जांच की जा रही है.
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