दीपक शेनॉय ने कहा कि मैंने अपने पूरे कार्यकाल में शायद सप्ताह में 100 घंटे काम किया है, लेकिन उसमें से ज़्यादातर एक कारोबारी के तौर पर था. आपको काम के घंटे लागू करने की जरूरत नहीं है. जो लोग प्रेरित होते हैं, वे खुशी से काम करेंगे. वैसे भी ज्यादातर रियल वर्क दिन में 4-5 घंटे में होता है, लेकिन आपको नहीं पता कि ऐसा कब होता है.
90 घंटे काम पर बहस, उद्योगपतियों ने कहा-प्रेरित लोग खुशी से काम करेंगे, घंटे लागू करने की जरूरत नहीं

80-90 घंटे काम करने पर कई उद्योगपति ने रखी राय LagatarDesk : इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति और लार्सन एंड टूब्रो (L&T) के चेयरमैन एनएन सुब्रमण्यम के प्रति सप्ताह 80-90 घंटे काम करने वाले बयानों पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गयी है. कई उद्योगपति इस बहस में कूद पड़े हैं. कुछ इसका समर्थन कर रहे हैं. वहीं कुछ ने इस पर चिंता व्यक्त की है. कैपिटलमाइंड के संस्थापक और सीईओ दीपक शेनॉय ने भी अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर प्रोडक्टविटी और वर्क लाइफ बैलेंस पर अपनी राय रखी है. https://twitter.com/deepakshenoy/status/1877577884950298756
दीपक शेनॉय ने कहा कि मैंने अपने पूरे कार्यकाल में शायद सप्ताह में 100 घंटे काम किया है, लेकिन उसमें से ज़्यादातर एक कारोबारी के तौर पर था. आपको काम के घंटे लागू करने की जरूरत नहीं है. जो लोग प्रेरित होते हैं, वे खुशी से काम करेंगे. वैसे भी ज्यादातर रियल वर्क दिन में 4-5 घंटे में होता है, लेकिन आपको नहीं पता कि ऐसा कब होता है.
दीपक शेनॉय ने कहा कि मैंने अपने पूरे कार्यकाल में शायद सप्ताह में 100 घंटे काम किया है, लेकिन उसमें से ज़्यादातर एक कारोबारी के तौर पर था. आपको काम के घंटे लागू करने की जरूरत नहीं है. जो लोग प्रेरित होते हैं, वे खुशी से काम करेंगे. वैसे भी ज्यादातर रियल वर्क दिन में 4-5 घंटे में होता है, लेकिन आपको नहीं पता कि ऐसा कब होता है.
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