New Delhi : आरएसएस की दिल्ली स्थित केशवकुंज कार्यालय में आयोजित तीन दिवसीय प्रांत प्रचारक बैठक के बाद प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम जानकारियां दी. बैठक में देशभर से 233 कार्यकर्ता शामिल हुए थे.
#WATCH | Delhi: On the recent language controversy, RSS Akhil Bharatiya Prachar Pramukh, Sunil Ambekar says, "Sangh has always had the stand that all languages of India are national languages. People speak their own languages in their own places. Primary education should be… pic.twitter.com/PUZhWyv19p
— ANI (@ANI) July 7, 2025
सुनील आंबेकर ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाये जाने के कांग्रेस के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संघ पर प्रतिबंध लगाने की पहले भी कोशिश की गयी थी, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सके. कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे के बयान को लेकर आंबेकर ने कहा कि संघ समाज के सभी वर्गों को जोड़ता है. इसमें कोई भेदभाव नहीं है. संघ सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है, राजनीतिक संगठन नहीं.
श्री आंबेकर ने कहा कि संघ पर प्रतिबंध लगाने पर मामला कोर्ट तक गया था, लेकिन कोर्ट में उसे गैर कानूनी माना गया. सुनील आंबेकर के अनुसार संघ पर प्रतिबंध लगने की मांग समय-समय पर राजनीतिक पार्टियों ने उठाई मगर वो असफल रहे. उन्होंने कहा कि संघ सामाजिक स्तर पर देश में सद्भाव कायम रखने के लिए काम कर रहा है. इस तरह के बयान (प्रतिबंध लगाने संबंधी) संघ के लिए कोई मायने नहीं रखते.
आंबेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि संघ की तीन दिवसीय बैठक में सामाजिक सद्भाव और हिंदू सम्मेलन पर मंथन किया गया. संघ ने निर्णय लिया कि देशभर में 11,360 सामाजिक सद्भाव बैठकों का आयोजन किया जायेगा.
इन बैठकों में धर्म जागरण सहित सामाजिक वैमनस्यता को दूर करने पर बल दिया जायेगा. बताया कि हर गांव और बस्ती में हिंदू सम्मेलनों को आयोजन किया जायेगा. इसमें समाज के सभी वर्गों को शामिल होने का अवसर मिलेगा.
आंबेकर ने जानकारी दी कि नवंबर 2025 से 21 दिनों का गृह संपर्क अभियान का शुभारंभ किया जायेगा. इसके तहत संघ के स्वयंसेवक घर-घर जाकर संघ के कार्यों और साहित्य के बारे में जानकारी देंगे. कहा कि युवाओं को जोड़ने के लिए विशेष कार्यक्रम किये जायेंगे. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता जैसे शहरों में सार्वजनिक संवाद आयोजित होंगे.
भाषा विवाद पर सुनील आंबेकर ने कहा कि संघ ने पहले भी कहा है कि हिंदी राष्ट्रीय भाषा है हमारी मगर क्षेत्रीय भाषा जो है उसपर लोग अपनी प्रारंभिक शिक्षा लेते हैं और सभी भाषाएं मातृभाषा हैं. धर्मांतरण पर कहा कि सभी को अपने तरीके से पूजा करने का अधिकार है, लेकिन षडयंत्र या लालच देकर कोई किसी के मत परिवर्तन कराने का प्रयास करता है तो गलत है.
अवैध घुसपैठियों को बाहर निकालने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर संघ के कार्यकर्ता निरंतर काम कर रहे हैं. सुनील आंबेकर ने कहा कि संघ के प्रचारक मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच सामाजिक सद्भाव स्थापित करने के लिए प्रयासरत हैं. इस दिशा में सकारात्मक संदेश प्राप्त हुए हैं.