Search

भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी

Delhi: ब्रिटिश सरकार ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है. करीब 20 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक धोखाधड़ी करके फरार हुए कारोबारी को भारत लाने की मुहिम की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है. इससे पहले ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने प्रत्यर्पण की याचिका मंजूर कर ली थी. और इस मामले को स्वीकृति के लिए गृह मंत्री को भेज दिया था. मोदी सरकार लंबे समय से नीरव मोदी के अलावा इसी मामले में वांछित मेहुल चोकसी और ब्रिटेन में ही रह रहे विजय माल्या को भारत लाने का प्रयास कर रही है.

इसे भी पढ़ें- Jharkhand">https://lagatar.in/corona-spreads-through-air-what-will-happen-next-no-one-can-say-want-election-or-life/50895/">Jharkhand

News – शाम की न्यूज डायरी |16 April | हवा में भी फैलता है कोरोना | गडकरी ने कहा-15 दिन में क्या होगा कोई कह नहीं सकता | देश के कौन-कौन नेता हुए संक्रमित | Opinion – चुनाव चाहिये या जिंदगी | इसके अलावा दिन भर की 18 खबरें व वीडियो

नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर ब्रिटिश सरकार के गृहमंत्री प्रीति पटेल के हस्ताक्षर

हालांकि नीरव मोदी के पास अभी भी भारत प्रत्यर्पित किए जाने के आदेश को कानूनी चुनौती देने का आखिरी विकल्प मौजूद होगा. नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक समेत अन्य बैंकों को LOU के माध्यम से हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है. ब्रिटिश सरकार की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.

इसे भी पढ़ें- Jharkhand">https://lagatar.in/jharkhand-news-afternoon-news-diary-16-april-roster-system-implemented-secretariat/50721/">Jharkhand

News – दोपहर की न्यूज डायरी |16 April | झारखंड सचिवालय में रोस्टर सिस्टम लागू | त्राहिमाम करता गुजरात | इसके अलावा राजनीति व समाज से जुड़ी 20 खबरें व ओपिनियन | साथ में LiveLagatar लगातार के कई वीडियो

प्रत्यर्पण को चुनौती देनेवाली याचिका हुई थी खारिज

एलओयू यानी बैंक गारंटी का गलत इस्तेमाल कर अकेले पंजाब नेशनल बैंक को करीब 14 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया था. इस मामले के खुलासे के बाद से ही वह फरार चल रहा था. वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने फरवरी 2021 में नीरव मोदी की प्रत्यर्पण को चुनौती देनेवाली याचिका खारिज कर दी थी. ब्रिटिश अदालत ने कोरोना की महामारी के दौरान उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ने और भारतीय जेलों की खराब हालत जैसी दलीलों को खारिज कर उसे भारत प्रत्यर्पित करने पर मुहर लगाई थी.

Follow us on WhatsApp