ने भारतीय सीमा में भेजे Bomber ! सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार को घेरा, कहा, कोई उड़ कर आया नहीं
छोटे राज्यों में वर्क फ्रॉम होम हो सकता है
इस पर कोर्ट ने कहा कि केंद्र को भी कुछ योगदान देना चाहिए. आपको 100 फीसदी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम में भेजने की जरूरत नहीं है. कहा कि कोविड के समय भी आपने पाबंदियां लगाई थीं और संख्या कम की थी. अपनी दलील रखते हुए एसजी मेहता ने कहा कि दिल्ली जैसे छोटे राज्यों में वर्क फ्रॉम होम हो सकता है लेकिन केंद्र सरकार के ऑफिसेस को बंद नहीं कर सकते क्योंकि इससे देश पर असर पड़ेगा. SC ने यह भी कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों के 1000 में 100 कार्यालय एक ही जगह है. ऑफिस का समय भी तय है. फिर क्यों आपके कर्मचारी या अधिकारी एक ही बस या गाड़ी से ऑफिस नहीं आ सकते? इस पर एसजी ने बताया कि सरकार ने अपने कर्मचारियों को कार-पूलिंग का सुझाव दिया है.चीफ जस्टिस एनवी रमना ने ब्यूरोक्रेसी को भी फटकार लगाई
चीफ जस्टिस एनवी रमना ने ब्यूरोक्रेसी को भी फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि पिछले 30 साल से एक जज के तौर पर मैंने देखा है कि ब्यूरोक्रेसी कुछ नहीं करना चाहती. वो कोई फैसला नहीं लेना चाहती. वो चाहती है कि हर फैसला और सुझाव कोर्ट ही दे. वो चाहती है कि हम उन्हें बतायें कि लड़ना कैसे है. उन्होंने कहा कि कल मीटिंग में कोई फैसला क्यों नहीं लिया गया? हमारा 2 घंटे का समय बर्बाद कर दिया. इसके बाद एसजी मेहता ने कहा कि एक राजा था, उसने फैसला लिया कि उसके राज्य में कोई भी भूखा नहीं सोएगा. तो उसके राज्य में काम करने वाले अधिकारी किसी को सोने ही नहीं देते थे. इस पर सीजेआई ने कहा कि कम से कम उसने ये तो सोचा कि कोई भूखा था या नहीं. लेकिन यहां तो ये हमारे आदेशों पर अपने हस्ताक्षर कर देते हैं. इसे भी पढ़ें : ई-श्रम">https://lagatar.in/e-shram-portal-registration-of-7-86-crores-highest-number-of-workers-in-the-unorganized-sector-in-the-country-sc-st-or-obc/">ई-श्रमपोर्टल पर 7.86 करोड़ का पंजीकरण, देश में असंगठित क्षेत्र में सबसे ज्यादा श्रमिक SC, ST या ओबीसी
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