खबरों के लिए यहां क्लिक करें यह विधेयक कानून बनने के बाद उपराज्यपाल को यह अधिकार प्रदान करेगा कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों के तबादले और तैनाती में अंतिम निर्णय उनका ही होगा. कैबिनेट ने 25 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दी थी. विधेयक को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र के बीच तनातनी है. आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि यह विधेयक पिछले अध्यादेश से भी बदतर है तथा हमारे लोकतंत्र, संविधान और दिल्ली के लोगों के लिए ज्यादा खराब है.
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ है — संविधान के खिलाफ है — देश के Federal Structure के खिलाफ है
Constitutional Amendment 2/3 बहुमत के बिना नहीं कर सकते Lok Sabha में भले ही पास कर लें, Rajya Sabha में विपक्ष के पास इतने Numbers हैं कि इसको गिराएंगे — AAP MP… pic.twitter.com/xDFNab67I8">https://t.co/xDFNab67I8">pic.twitter.com/xDFNab67I8
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1, 2023
दिल्ली में लोकतंत्र बदलने वाला है—ये खतरनाक Bill क्या कहता है: —मंत्री मंडल के किसी भी फैसले को अफसरशाही मानने से मना कर सकती है —मंत्री मंडल के किसी भी फैसले का Audit कर सकती है अफसरशाही —दिल्ली जल बोर्ड और Commissions की चेयरमैनशिप LG तय करेंगे और यह सब क्यों? Delhi की जनता… pic.twitter.com/9Kp4jX7uNx
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