Delhi : देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का मामला अब कोर्ट पहुंच चुका है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने हलफनामा दायर किया है. अरविंद केजरीवाल की ओर से कोर्ट में कहा गया कि दिल्ली में लॉकडाउन लगाना तभी कारगर होगा जब NCR में लॉकडाउन लगाया जाये. जिसे केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि पराली जलाना प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं है. जिसे प्रदूषण मात्र 10 प्रतिशत होता है. प्रदूषण के 90 फीसदी कारण अन्य चीजें हैं.
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार मांगा जवाब
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार जवाब मांगा है. कोर्ट ने पूछा कि किन उद्योगों को रोका जा सकता है, किन वाहनों को चलने से रोका जा सकता है और किन बिजली संयंत्रों को रोका जा सकता है और तब तक वैकल्पिक बिजली कैसे उपलब्ध करा सकते हैं. इन सभी प्रश्नों का जवाब कल शाम तक कोर्ट को देना है.
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कोर्ट ने केंद्र से पूछा किया कदम उठाये जा रहे
साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा की वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आप क्या कदम उठा रहे है. वायु प्रदूषण में पराली जलाये जाने का योगदान मात्र चार प्रतिशत है. इसलिए इसमें हल्ला मचाने का कोई आधार नहीं है. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से आज दिल्ली की हवाओं में कुछ सुधार हुआ है. वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली के मुताबिक राजधानी दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 318 है.
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