Ranchi : नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडियन वुमन की ओर से प्रेस कांफ्रेंस कर फ्लैगशिप कौशल विकास योजना की जांच कराने की मांग की गयी है. प्रेस कांफ्रेंस में तारामणि साहू, अफज़ल अनीस, लिक्स, अर्पणा बारा ने कहा कि केंद्र सरकार की फ्लैगशिप कौशल विकास योजना, जिसे झारखंड राज्य आजीविका मिशन संचालित कर रहा है. वहां हाल में नाबालिग बच्चियों को रोज़गार के बहाने दूसरे राज्य में भेजने का काम चल रहा है. बिचौलियों द्वारा माता-पिता की सहमति के बिना नाबालिग बच्चियों को फर्जी दस्तावेज़ द्वारा बाल श्रम एवं कथित रूप से मानव तस्करी में धकेलने का प्रयास किया गया है.
माता-पिता की सहमति के बिना 8 बच्चियों को रांची लाया गया था
ज्ञात हो की सोमवार को एक कार्यक्रम के दैरान विभिन्न सामाजिक एवं मानव अधिकार कार्यकर्ताओं के समक्ष महावीर पहरिया, ग्राम प्रधान ग्राम लंका, मनिका, जिला लातेहर के द्वारा गांव की आठ नाबालिग बच्चियों को झारखंड राज्य आजीविका प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) के संदीप नामक व्यक्ति द्वारा बच्चियों के माता-पिता की सहमति के बिना रांची लाया गया था.
पता चला कि इन्हें तीन महीने बाद त्रिपुरा भेजा जाएगा
इन बच्चियों को रांची में देवी दर्शन रोड, गेतुलाल स्थित प्लानेट इंटरनेशनल मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड प्रशिक्षण में सिलाई एवं कंप्यूटर का प्रशिक्षण देने की बात की गई थी. वहां रहते हुए इन बच्चियों को पता चला कि इन्हें तीन महीने बाद त्रिपुरा भेजा जाएगा. इस बात से भयभीत होकर इन बच्चियों ने किसी प्रकार अपने घरवालों से संपर्क किया. खबर के मिलने पर ग्राम सभा द्वारा बच्चियों को वापस लाने का प्रयास चलने लगा.
झारखंड के कई सामाजिक एवं मानव अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा इस प्रशिक्षण संस्थान को खोजा गया तथा उक्त संस्था के प्रशिक्षण अधिकारियों से भेंट की गई. वहां अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया की सभी आठ बच्चियां वहां मौजूद हैं. बच्चियों से जुड़ी सूचना इक्कठा करने के दैरान एजेंसी की कार्यशैली में कई अनियमितता सामने आयी.
बच्चियों के पिता के सहमति पत्र पर एजेंसी ने किया जाली हस्ताक्षर
बच्चियों का विद्यालय स्थानांतरण पत्र भी जाली पाया गया है. प्रशिक्षण संस्थान ने जाली विद्यालय स्थानांतरण पत्र बालूमाथ के राजकीय मध्य विद्यालय के नाम से बनवाया लिया, जबकि सभी बच्चियां मनिका के कस्तूरबा विद्यालय में दसवीं की नियमित छात्रा हैं. इनकी मैट्रिक परीक्षा का प्रवेश पत्र जारी किया गया है. परीक्षा 24 मार्च 2022 से शुरू होने वाली है. 14 मार्च 2022 को बाकी बच्चियों के मुक्त कराने के कार्य में रांची चाइल्ड हेल्पलाइन से मदद मांगी गई.
मनवाअधिकार कार्यकर्ताओ ने की सरकार से मांग
- जेएलपीएस के अंतर्गत सभी छात्र एवं छात्राओं का सही दस्तावेज़ीकरण हो.
- माता- पिता द्वारा लिए गए सहमति पत्र की निष्पक्ष जांच एजेंसी या कोर्ट द्वारा गठित जांच समिति से करायी जाए.
- जितने छात्र छात्राएं प्रशिक्षण संस्थान छोड़कर जाना चाहते हैं, उन्हें उनके परिवारों के पास सकुशल भेजा जाए.
- जांच में दोषी पाए जाने पर ऐसे सभी कौशल विकास केंद्रों को बंद किया जाए एवं दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जाए.
- निर्गत प्रमाणपत्र जिनके माध्यम से छात्रों को प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उन प्रमाणपत्रों की जांच करायी जाए, क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि उनके प्रमाणपत्र फ़र्ज़ी तरीके से बनाए गए हैं.
- कोविड महामारी और तालाबंदी के कारण झारखंड के लोग भुखमरी एवं आजीविका के बड़े संकट से अभी भी गुज़र रहे हैं. इस समस्या से निपटने के लिए ज़िला एवं ग्राम स्तरीय रोज़गार एवं सामाजिक सुरक्षा के अवसर प्रदान किए जाएं.
इसे भी पढ़ें – करारी हार के बाद सोनिया का एक्शन : सिद्धू समेत 5 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों से मांगा इस्तीफा