Ranchi: झारखंड सरकार ने 16वें वित्त आयोग से राज्य के विकास के लिए 3 लाख 3 हजार 527 करोड़ रुपये की मांग की है. यह राशि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने और आर्थिक-सामाजिक परिदृश्य को बदलने के लिए आवश्यक है.
आयोग के समक्ष रखी गई मांगें
- आधारभूत संरचना के विकास के लिए 2 लाख 1 हजार 772 करोड़ रुपये
- सामाजिक क्षेत्र में विकास के लिए 44 हजार 447 करोड़ रुपये
- कृषि, वन एवं जल संसाधन के क्षेत्र में विकास के लिए 41 हजार 388 करोड़ रुपये
- गृह, पंचायती राज, भूमि सुधार, राजस्व आदि क्षेत्र के लिए 17 हजार 918 करोड़ रुपये
जीएसटी कंपनसेशन और अन्य मुद्दे
- जुलाई 2022 से जीएसटी कंपनसेशन बंद होने से झारखंड को भारी नुकसान हो रहा है, जिससे आगामी पांच वर्षों में लगभग 61,677 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है.
- कोयला कंपनियों के बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये और मनरेगा मद में बकाया 1300 करोड़ रुपये का मुद्दा भी आयोग के समक्ष रखा गया.
- जल जीवन मिशन क्षेत्र में भी 5235 करोड़ रुपये की राशि बकाया है.
अतिरिक्त मदद की आवश्यकता
- झारखंड जैसे खनिज संपन्न राज्यों को अतिरिक्त मदद की आवश्यकता है जो प्रदूषण, उग्रवाद, बेरोजगारी और विस्थापन जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं.
- राज्य सरकार ने केंद्रीय करों में राज्यांश को 41% से बढ़ाकर 55% करने की मांग की है.
- आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने झारखंड के पीएसयू का 10-12 वर्षों से ऑडिट नहीं होने पर चिंता व्यक्त की है.