Ranchi : राजकीय अतिथिशाला में कांग्रेस से निष्कासित नेता आलोक दुबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और डॉ राजेश गुप्ता ने सामूहिक रुप से प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इस दौरान तीनों नेताओं की जुबान पर प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर रहे. मीडिया को संबोधित करते हुए सभी ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष की गणेश परिक्रमा करने वाले नेताओं को बोर्ड निगम में जगह देने की तैयारी है. जबकि संगठन को सींचने वाले नेता निष्कासन का दंश झेल रहे हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये तीनों नेताओं ने पार्टी के आलाकमान से मांग की कि राजेश ठाकुर को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाये. जिनकी अगुवाई में 2024 के चुनाव में पार्टी बेहतर कर सके. (पढ़ें, पीएम मोदी कर्नाटक में बोले, कांग्रेस मुझसे नफरत करती है, मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं, वे मुझे गालियां दे रहे हैं)
एक व्यक्ति, एक पद की कांग्रेस की नीति का पालन करें राजेश ठाकुर
आलोक दुबे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में एक व्यक्ति एक पद का ढर्रा पुराना रहा है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे AICC की बैठक में जाने से पहले इस्तीफा दिया था. इसके बाद ही वो AICC की बैठक में शामिल हुए थे. प्रदेश अध्यक्ष को भी राज्यमंत्री का दर्जा मिला है. फिर भी वह प्रदेश अध्यक्ष के पद पर काबिज है. संगठन में भितरघात करने वाले लोग पार्टी में हैं और पार्टी को सींचने वाले लोग बाहर है. कांग्रेस की ये कैसी विडंबना है. आलोक दुबे ने कहा कि दो बार मेरे घर पर हमले हुए लेकिन हमारी सुरक्षा को वापस ले ली गयी है. प्रदेश अध्यक्ष की गणेश परिक्रमा करने वाले लोगों को बोर्ड निगम में जगह देने की तैयारी है.
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हमारे साथ घटना घटी तो प्रदेश अध्यक्ष होंगे जिम्मेवार
डॉ राजेश गुप्ता “छोटू” ने कहा कि प्रदेश कमिटी ने AICC के गठन से पूर्व चार नेताओं को निलंबित कर दिया. हमें विश्वास था कि AICC में जगह मिलती, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने व्यक्तिगत रूप से चिन्हित कर निलंबित किया. प्रदेश कांग्रेस के डेलीगेट के रूप में रायपुर में कांग्रेस के अधिवेशन में जाने से रोका गया. प्रदेश अध्यक्ष ने जमीन से जुड़े हुए कांग्रेसी को रोकने का काम किया. अध्यक्ष और प्रभारी ने निलंबित विधायक-नेताओं के साथ मंच साझा करते हैं. संगठन से जुड़े हुए लोग भी ये मानते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष संगठन को कमजोर करने का काम किया. प्रदेश अध्यक्ष ने हमारी सुरक्षा को वापस करवाया है. यदि हमारे साथ कोई घटना होती है तो इसके जिम्मेदार प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर होंगे. रामगढ़ उपचुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष को लेने की बात पार्टी के नेता शमशेर आलम ने कही थी, लेकिन अनुशासन समिति ने कोई निर्णय नहीं लिया.
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गणेश परिक्रमा करने वाले नेताओं को बोर्ड निगम में जगह देने की तैयारी
लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि महागठबंधन की सरकार में बोर्ड निगम का गठन होना है और पार्टी के कार्यकर्ताओं को जगह दिया जायेगा. इससे पहले भी 20 सूत्री और 15 सूत्री का गठन किया गया. प्रदेश कांग्रेस कमेटी का भी गठन हुआ और इन तमाम चीजों में विवाद हुए हैं. कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने विरोध किया. प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी और विधायक दल की नेता की ओर से घोर लापरवाही किया गया. एक बार फिर चर्चा है कि बोर्ड निगम का गठन होगा. ऐसे में कुछ नामों की चर्चा है, जिसको लेकर विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं. जिन नामों की चर्चा हो रही है वो नाम सही नहीं है. 2019 में महागठबंधन की सरकार बनी. पार्टी के चार मंत्री बनाये गये. इसके लिए भी मापदंड बनाया गया था. लेकिन बोर्ड निगम और संगठन में स्थान देने वाले लोगों के लिए कोई मापदंड नहीं बनाया गया है. ऐसे में आलाकमान से मांग करते है कि पार्टी माप दंड का निर्धारण करे. ताकि संगठन में असंतोष की भावना ना रहे.
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