हाइवा की चपेट में आकर युवक का कटा पैर, मुआवजे को लेकर सड़क जाम
पूर्व पार्षद ने सुझाया वैकल्पिक रास्ता
बैठक में पूर्व पार्षद साहु ने कहा कि झारखंड की प्राचीन राजधानी चुटिया प्रसिद्ध है. इसका सैकड़ों साल पुराना इतिहास है. यहां की संस्कृति एवं राम मंदिर जैसी प्राचीन धरोहर आज भी विद्यमान है. उन्होंने कहा की वह रेलवे ओवरब्रिज का विरोध नहीं कर रहे. बल्कि वह एक वैकल्पिक रास्ता सुझा रहे हैं. इसके अंतर्गत वर्मा सेल स्थित भारत पेट्रोलियम के गोदाम से दक्षिण स्थित रेलवे की खाली जमीन पर पुल बनाने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है. इससे निर्माण लागत भी कम होगी और जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी. लोगों को विस्थापन का दंश कम झेलना पड़ेगा. लोगों को भूखे मरने की नौबत भी नहीं आएगी. इसे भी पढ़ें- दुमका:">https://lagatar.in/dumka-co-seizes-illegal-sand-truck-khalasi-arrested/37956/">दुमका:सीओ ने अवैध बालू लदे ट्रक को किया जब्त, खलासी गिरफ्तार
पद्मश्री मुकुंद नायक ने क्या कहा
पद्मश्री मुकुंद नायक ने कहा कि विस्थापन की समस्या गंभीर है. हटिया जैसे उद्योग की स्थापना के बाद सैकड़ों गांव तबाह हो गए. जिनके विस्थापन का दर्द आज भी लोग झेल रहे हैं. इसलिए सरकार को सर्वमान्य रास्ता निकालना चाहिए. जिससे विस्थापन रोका जा सके. वहीं स्थानीय झामुमो नेता रामचरण विश्वकर्मा ने आश्वासन दिया की वह स्थानीय जनता का समर्थन करते हैं. स्थानीय लोगों की आदिवासी लोगों की ही सरकार अभी सत्ता में है. इसलिए वह सभी आदिवासी मूलवासी भाइयों की आवाज को सरकार तक पहुंचा कर एक अच्छा रास्ता निकालने का प्रयास करेंगे. इसे भी देखें-
Leave a Comment